रूड़की। पिछले डेढ़
महीने के गतिरोध के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रूड़की के प्रबंधन ने
पांच से कम क्यूमूलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज (सीजीपीए) वाले 72 निष्कासित छात्रों
को सोमवार को वापस ले लिया गया। लेकिन इन छात्रों को ईयर बैक की सजा दी गई है। अब
इन छात्रों को 10 अगस्त से पहले दाखिला लेना होगा। सीनेट की मैराथन बैठक के बाद इन
छात्रों को सशर्त वापस लेने का फैसला किया गया। सभी छात्रों को प्रथम सेमेस्टर में
दाखिला लेना होगा। इसकी समयसीमा भी निर्धारित कर दी गई है। कुछ छात्रों ने फैसले के
खिलाफ फिर से सीनेट में मर्सी अपील दायर करने की बात कही है।
आईआईटी रूड़की
की तरफ से दो सेमेस्टर होने के बाद भी पांच सीजीपीए अंक हासिल नहीं कर पाने वाले 72
छात्रों को 15 जून को निकाल दिया था। इस संबंध में पत्रों के माध्यम से छात्रों के
परिजनों को भी सूचना भिजवा दी गई थी। लेकिन अधिकांश छात्रों को इसकी जानकारी 20 जून
के आसपास ही मिली। इसके बाद दो बार छात्रों ने मर्सी अपील की। छात्र-छात्राएं
हाईकोर्ट की शरण में भी पहुंचे। लेकिन हर जगह से उन्हें मायूसी ही हाथ लगी।
उधर, कई छात्र लगातार विभिन्न डीन से मिलकर एक मौका और मांगते रहे। करीब 20
दिनों तक यह स्थिति चली। इस पर आईआईटी रूड़की के निदेशक प्रो.प्रदीप्त बनर्जी ने
सोमवार को फिर से सीनेट की बैठक बुलाई। इस बैठक में निकाले गए छात्रों के संबंध में
विचार-विमर्श किया गया। दोपहर ढाई बजे करीब शुरू हुई सीनेट की बैठक शाम छह बजे तक
चली। सूत्रों के अनुसार, सीनेट में छात्रों को एक मौका और देने के पक्ष में
प्रोफेसरों की संख्या ज्यादा रही। इस पर सीनेट ने इन छात्रों को राहत देने का
निर्णय लिया। लेकिन सजा के तौर पर उन्हें ईयर बैक दी गई। साथ ही छात्रों को इस
नियमों के तहत ही इस साल भी पढ़ाई करनी होगी।
– आईआईटी रूड़की ने निकाले
सभी छात्रों को वापस लेने का निर्णय लिया है। लेकिन उनके ऊपर पांच सीजीपीए का नियम
लागू रहेगा। उन्हें हर क्लास में 75 प्रतिशत उपस्थिति रखनी होगी। आईआईटी की तरफ से
रखी शतेंü स्वीकारने के बाद ही इन छात्रों को री-एडमिट किया जाएगा।
– प्रशांत
गर्ग, रजिस्ट्रार, आईआईटी, रूड़की
छात्रों के सामाने रखी गई हैं ये
शर्ते
– सभी छात्रों को दोनों सेमेस्टर में पांच या उससे अधिक सीजीपीए लाने
होंगे
– सभी कोसोंü को पास करना अनिवार्य होगा
– सभी विषयों में 75 फीसद
उपस्थिति होगी अनिवार्य
– दस अगस्त का पंजीकरण करवाना होगा अनिवार्य
– सभी
सशतोंü को मानने की लिखित में देने होगी सहमति
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