मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दखल के बाद प्रशासन ने वापसी का फैसला लिया, इनका परिणाम खराब अाया था।
रुड़की. आईआईटी रुड़की ने संस्थान से निकाले गए सभी 18 छात्रों को वापस दाखिला दे दिया है। खराब परिणाम के कारण इन्हें बर्खास्त किया गया था। माना जा रहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दखल के बाद प्रशासन ने वापसी का फैसला लिया।
पहले वर्ष में दोबारा से दाखिला दियाआईआईटी रुड़की के डीन (अकादमिक) प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि निकाले गए सभी छात्रों को एक और मौका दिया गया है। उन्हें पहले वर्ष में फिर से दाखिला दिया गया है। रजिस्ट्रार प्रशांत गर्ग का कहना है कि ये सभी आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हैं। इनका भविष्य बर्बाद न हो, इसका ध्यान रखते हुए, इन्हें मौका देकर कहा गया है कि वे आगे से शैक्षणिक रिकॉर्ड पर ध्यान दें। बहरहाल, ये सभी छात्र संस्थान के फैसले से खुश हैं। इनमें से एक छात्र ने कहा कि मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि हमें पढऩे का मौका दिया जा रहा है। हम सभी लिखित फैसले का इंतजार कर रहे हैं। अन्य छात्र ने कहा कि हम इस निर्णय को सही साबित करेंगे और दोबारा से आईआईटी को निराश नहीं करेंगे। बता दें कि इन छात्रों के 10 सीजीपीए में से पांच से कम सीजीपीए आए थे।
खराब प्रदर्शन से बार-बार सुर्खियों में आईआईटी रुड़की आईआईटी रुड़की के छात्रों का परिणाम लगातार गिर रहा है। इससे पहले भी इस साल के शुरू में 72 छात्रों को खराब प्रदर्शन के कारण निकाल दिया गया था। छात्रों ने हंगामा किया था। मामला कोर्ट तक पहुंचा था। इन सभी ने भी पांच सीजीपीए से कम स्कोर किया था। हालांकि बाद में संस्थान ने सभी 72 छात्रों को निकालने का अपना निर्णय रद्द कर दिया था। बता दें कि आईआईटी में दाखिला लेते वक्त छात्रों को एक शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं। इसमें लिखा होता है कि अगर पांच सीजीपीए से कम स्कोर होता है तो उसे संस्थान निकाल सकता है। इसी शपथ-पत्र के आधार पर कार्रवाई की जाती है।