कोलकाता. नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वाले करोड़ों रुपयों को सफेद करने के तरीके आजमा रहे हैं। कोई गरीबों को पैसों का लालच देकर उनके जनधन खातों में पैसा जमा करा रहा है तो कोई चर्च में दान देकर पैसा सफेद करने की जुगत में है। इसे देखते हुए इनकम टैक्स विभाग ने सभी चर्च से दान देने वाले लोगों की सूची मांगी है। बाकायदा बैलेंस शीट मांगी गई है।
इस बाबत तमाम चर्च को नोटिस जारी किया गया है। इसमें कहा गया कि सभी चर्च 31 मार्च 2016 से लेकर 08 नवंबर 2016 तक की बैलेंस शीट और दान देने वाले लोगों की जानकारी मुहैया कराएं। इनकम टैक्स विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग को अंदेशा है कि कुछ नियमित दान देने वाले चर्च के साथ मिलकर कालेधन को सफेद कर सकते हैं। हालांकि ऐसा कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है। अधिकारी का कहना है कि कुछ भ्रष्ट व पैसा छुपाने वाले लोग डर की वजह से दान पेटी में लाखों रुपये डालकर गायब हो रहे हैं। इन लोगों को पकडऩे के लिए ही कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि बैलेंस शीट से सरकार आठ नवंबर से पहले और उसके बाद आने वाले चंदों के रुपयों पर पर नजर रखेगा।
एक शख्स 60 लाख देकर चंपत हुआ
कोलकाता के एक बड़े चर्च के पादरी मोलोय डी कोस्ता ने इनकम टैक्स विभाग के नोटिस की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चर्च भी अपने स्तर पर पारदर्शिता बरत रहे हैं। पादरी के अनुसार, आठ नवंबर के बाद शिलॉन्ग स्थित रामकृष्ण मिशन के एक सेंटर पर एक अनजान शख्स 60 लाख रुपये के पुराने नोट छोड़कर भाग गया। वो कौन था? इस बाबत कोई जानकारी नहीं मिल पाई। बाद में ये पैसे पुलिस को दिए गए थे।
कम समय में जानकारी देना संभव नहीं
तमाम चर्च ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग ने बेहद कम समय दिया है। कई चर्च को देरी से नोटिस मिला। सभी से 18 नवंबर तक जानकारी देने के लिए कहा गया था मगर कुछ को अब सूचना मिली है। पादरी मोलोय डी कोस्ता कहते हैं कि चर्च के प्रशासन को जानकारी जुटाने में समय लगेगा इसलिए कम समय में सरकार को सभी दान देने वालों और बैलेंस शीट की जानकारी देना असंभव है। उधर, भावनीपुर के गुरु सिंह साहब गुरुद्वारा के महासचिव सरदार सुखदेव सिंह ने बताया कि उनसे भी जानकारी मांगी गई है।
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