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अरुणाचल: सीमा पर सुखोई उतार भारत ने चीन को दिखाई ताकत

Published: Aug 20, 2016 08:33:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

भारत-चीन सीमा के नजदीक अरुणाचल प्रदेश के पस्सी घाट में उतारा सुखोई

Sukhoi

Sukhoi

नई दिल्ली। भारत में खतरा चारों तरफ से है, पाकिस्तान जहां देश की आतंरिक सुरक्षा को नुकसान पहुचाने की कोशिश में जुटा है, तो दूसरी तरफ चीन भी भारत की बढ़ती हुई ताकत और विदेश में बढ़ रहे असर से परेशान हैं। चीन अपने इलाके में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के उस पार जहां अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है। वैसे में भारत ने भी चीन के खिलाफ एक अभेद्य दीवार बना ली है, जिसको चीन किसी भी कीमत पर तोड़ नहीं सकता।

इसी सिलसिले में पहली बार अरुणाचल प्रदेश के पस्सी घाट में सुखोई 30 उतरा गया है। पस्सी घाट चीन सीमा से मात्र 80 किलोमीटर दूर है। इसका मतलब ये हुआ की भारत सरकार किसी भी कीमत पर पाकिस्तान या फिर चीन सीमा सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करना चाहती।

चीन की ताकत को कम करने के लिए भारत ने अंडमान निकोबार में सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट के अतिरिक्त बेड़े की तैनाती के अलावा पूर्वोत्तर में खुफिया ड्रोन और मिसाइल तैनात कर दी हैं। इसके अलावा पूर्वी लद्दाख में टैंक रेजिमेंट्स के साथ ही सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई गई है। यह अग्रिम एयरफील्ड साल 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान सैनिकों और रसद पहुंचाने के लिए इस्तेमाल हुआ करता था, लेकिन बाद में यह बंद कर दिया गया। पस्सीघाट सहित इलाके की ज्यादातर हवाईपट्टियां काफी खस्ताहालत में थी और उन पर घास उग आई थी।

चीन को दिया संदेश
भारत ने अरुणाचल सीमा पर सुखोई-30एमकेआई फाइटर प्लेन उतारकर चीन को सैन्य ताकत दिखाते हुए यह संदेश देने की कोशिश की है कि अगर चीन सीमा पर निर्माण या अन्य कार्य करता है तो भारत भी पीछे नहीं रहेगा। वहीं अरुणाचल को विवादित बताने वाले चीन को यह भी दिखाया है कि अरुणाचल निर्विवाद रूप से भारत का ही अभिन्न अंग है।

रिजिजू ने सुखोई 30 की लैडिंग को बताया ऐतिहासिक
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट सिआंग जिले के पासीघाट में अपग्रेडेड एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) में देश के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान सुखोई 30 की लैंडिंग को ‘ऐतिहासिक’करार दिया। रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद से ही पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि इतिहास की किताबों में स्वतंत्रता संग्राम में अरुणाचल प्रदेश के लोगों के त्याग का कभी जिक्र नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने इस मुद्दे को दिल्ली में मुख्यमंत्रियों के परिषद की बैठक में उठाया था और उसके बाद राज्य के दो महान शहीदों मातमूर जमोह और मोजी रिबा का नाम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में दर्ज किया गया है। गृह राज्यमंत्री महान गायिका आशा भोंसले के साथ सीमा सुरक्षा बल के विमान से एएलजी पहुंचे। भोंसले रक्षाबंधन मनाने कल तवांग पहुंची थी।
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