नई दिल्ली। मुंबई में हुए आतंकी हमले के मामले की सुनवाई तेज करने के लिए भारत एक बार फिर पाकिस्तान को पत्र लिखा है। इस खत में विदेश सचिव एस जयशंकर ने सुनवाई तेज करने के उपाय सुझाए थे। हालांकि पाकिस्तान ने इस पत्र पर चुप्पी साध ली है।
भारत के विदेश विभाग के प्रवक्ता विकास स्वरूप का कहना है अगर पाकिस्तान मुंबई हमलों में साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहता है, तो उन्हें भारत के सुझावों पर अमल करना चाहिए। विकास स्वरूप का कहना है कि यह बात सामने आ चुकी है कि मुंबई हमले के दोषी लोग पाकिस्तानी हैं और पाकिस्तान में ही पूरी साजिश रची गई। यह बात भी सामने आ चुकी है कि मुंबई हमले के साजिशकर्ता पाकिस्तान में ही हैं।
विदेश सचिव जयशंकर ने यह पत्र छह सितंबर को लिखा और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त ने अपने हाथ से यह पत्र पाकिस्तानी अधिकारियों को नौ सितंबर को सौंपा। उन्होंने कहा कि पिछले आठ साल में मुंबई हमले की सुनवाई लटकी हुई है। स्वरूप ने सलाह दी कि पाकिस्तान को आतंकवाद खत्म करने और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने पर होना चाहिए।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि हम इसके लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिए कैसे किया जा सकता है। अब पाकिस्तान को भारत के विदेश सचिव के इस पत्र का जवाब देना है। इस पेशकश का जवाब देना है, जिसका भारत को इंतजार हैं। उन्होंने कहा कि इस पत्र में पाकिस्तान को याद दिलाया गया कि उनकी सुरक्षा एजेंसी ने 26-11 के भगोड़े सूफयान जाफर को रिहा कर दिया है। पाकिस्तान पंजाब के गुजरावालां के रहने वाले जाफर को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। जाफर मुंबई हमले में भगोड़ा घोषित 21 लोगों में से था। स्वरूप के मुताबिक, मुंबई हमले में जमानत पर रिहा लश्कर कमांडर जकीउर रहमान लखवी भी कहीं छिप गया है। पकड़े गए बाकी आरोपियों के खिलाफ भी मामले ठंडे बस्ते में पड़े हैं।