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हवाई ताकत बढ़ाने में जुटा भारत, अमरीका से खरीदेगा हेलिकॉप्टर

Published: Oct 04, 2015 11:34:00 am

अमरीका के साथ हाल में हुए नए सौदे के तहत भारत अमरीका से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदेगा

chinook-chopper

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नई दिल्ली। “मेक इन इंडिया” से इतर भारत की हथियारों के प्रति अमरीकी निर्भरता बढ़ती जा रही है। अमरीका के साथ हाल में हुए नए सौदे के तहत भारत अमरीका से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदेगा। विमान कंपनी बोइंग और अमरीकी सरकार के साथ हुआ यह सौदा 300 करोड़ डॉलर यानी करीब 18,000 करोड़ रूपए का है। युद्ध और आपातकाल में भारी साजो-सामान लेजाने में सक्षम और हमला करने में निपुण माने जाने वाले इन 37 हेलिकॉप्टरों का जत्था 2018-19 तक भारत पहुंच जाएगा। भारत पिछले एक दशक से अमरीकी कंपनियों के साथ करीब 1000 करोड़ डॉलर का रक्षा सौदा कर चुका है, जिसने भारत को दुनिया में अमरीकी हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक बना दिया है।

नई सरकार के बाद
6,000 करोड़ डॉलर के हथियार खरीदे जा चुके हैं मोदी सरकार के आने के बाद।
15,000 डॉलर खर्च करने का निर्णय लिया है प्रधानमंत्री ने सेना को आधुनिक बनाने में 2027 तक।

इसके विपरीत केवल
9,400 करोड़ डॉलर खर्च किए भारत ने पिछले एक दशक में प्राथमिक शिक्षा पर।
2.4त्न कुल जीडीपी का खर्च होता है रक्षा पर, दूसरी तरफ स्वास्थ्य पर केवल 1 प्रतिशत।
100 करोड़ डॉलर वन रैंक वन पैंशन” के कार्यान्वयन पर खर्च होगा।

हम भी निर्यातक पर छोटे…
01 करोड़ डॉलर के हथियारों का निर्यात किया भारत ने 2011 से 2014 के बीच।
100 हथियार उत्पादन केंद्र हैं भारत में, इनमें सार्वजनिक क्षेत्र सहित डीआरडीओ के कारखाने व लैब शामिल।

दूसरे देशों पर निर्भरता और हम…
1 नंबर पर है भारत दुनिया में हथियार आयात करने के मामले में।
15 प्रतिशत वैश्विक हिस्सा हमारा, पिछले पांच सालों में आयात हुए हथियारों में।
70 प्रतिशत हथियार रूस से होते हैं आयात, पिछले एक साल में अमरीका ने बनाई बढ़त।
39 प्रतिशत बढ़ा सेना खर्च 2005 से 2014 के बीच।
3700 करोड़ डॉलर खर्च हुआ रक्षा सौदों पर वर्ष 2015-16 में, इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक केवल सेना पर।
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