रक्षा मंत्री और गृह मंत्री ने सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग के साथ प्रधानमंत्री को समूचे घटनाक्रम की जानकारी दी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ एक बैठक में जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति और इस संबंध में आगे की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श किया। रक्षा मंत्री और गृह मंत्री ने सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग के साथ प्रधानमंत्री को समूचे घटनाक्रम की जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने के लिए मुहिम चलायी जाये। प्रधानमंत्री के आवास पर हुई बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। इससे पहले गृह मंत्री ने रक्षा मंत्री , सेना प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह सचिव, रक्षा सचिव और खुफिया एजेन्सियों के प्रमुखों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की तथा इस संबंध में आगे की रणनीति पर चर्चा की।
सेना के शिविर पर रविवार सुबह हुए इस हमले में 17 जवान मौके पर ही शहीद हो गये थे। इस घटना को लेकर समूचे देश में रोष है। खुद प्रधानमंत्री ने भी देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि इस हमले में जिन लोगों का हाथ है, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा। सरकार के मंत्री और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं है कि हमले में पाकिस्तान का हाथ है क्योंकि मारे गये आतंकवादियों के पास मिले हथियारों पर पाकिस्तान का नाम है।
हालांकि पाकिस्तान ने इससे इन्कार किया है। गृह मंत्री भी कह चुके हैं कि ये आतंकवादी पूरी तैयारी और प्रशिक्षण के साथ पाकिस्तान से आये हैं। सूत्रों के अनुसार इस हमले की जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) को सौंपी जा रही है। एनआईए की एक टीम ने दौरा कर इस हमले से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की है।