नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पाकिस्तान को मिलने वाले मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा खत्म करने का इशारा किया है। इसके अलावा सिंधु जल समझौता भी रद्द करने की तैयारी है। उरी अटैक के बाद भारत में लगातार पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है। ऐसे में भारत सरकार के ये फैसले पाकिस्तान की मुश्किल बढ़ा सकते हैं। दोनों ही फैसलों से पाकिस्तान की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा। मेघवाल ने कहा कि सरकार के पास एमएफएन पर विचार करने का प्रस्ताव पहले से है।
इससे पहले भी सरकार पाकिस्तान को अलग-थलग करने का ऐलान कर चुकी है। मेघवाल ने कहा कि भारत व्यापार संबंधों से अधिक तवज्जो देश की सुरक्षा को देता है। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया गया, उस वक्त स्थिति अलग थी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। ये पहली बार है जब भारत पाक के एफएफएन स्टेट्स को रिव्यू कर रहा है।
मेघवाल ने ये भी कहा है कि भारत को पाकिस्तान दुनिया के मोर्चे पर भी अलग-थलग करने के लिए काम कर रहा है। इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी सहित बीजेपी के कई नेता और रिटायर्ड सैनिक एमएफएन का दर्जा वापस लेने के लिए सरकार से अपील कर चुके हैं।
क्या है एमएफएन स्टेट्स?
वल्र्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों को लेकर एमएफए स्टेट्स दिया जाता है। एमएफएन स्टेट्स दिए जाने पर दूसरे देश इस बात को लेकर आश्वस्त रहता है कि उसे व्यापार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था। इसकी वजह से पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है। हालांकि, बदले में पाकिस्तान ने आश्वासन देने के बावजूद भारत को अब तक एमएफएन दर्जा नहीं दिया है।
उधर, उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने एलओसी पर एक्टिविटी काफी बढ़ा दी है। पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने के लिए भारतीय सेना 778 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर अपनी व्यवस्थाओं को अपग्रेड करने में जुट गई है। इसके तहत सैन्य बलों की तैनातीए उनके मूवमेंट के अलावा गोला.बारूद और ईंधन भी एलओसी पर पहुंचाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के साथ मिलकर आकस्मिक योजनाएं भी तैयार की गईं हैंए ताकि किसी भी स्थिति का मुकाबला किया जा सके।
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