इसलिए है अहम
एलईएमओए के तहत रसद का सहयोग, आपूर्ति और अमरीकी व भारतीय सैन्य अड्डों के बीच क्षतिपूर्ति के लिए आदान-प्रदान होगा। बैठक के दौरान पर्रीकर और कार्टर ने दोनों देशों के बीच कार्य प्रगति पर चर्चा की। अमरीका भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में व्यापार और तकनीकी साझेदारी के लिए तैयार हो गया है। ताकि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हो सके।
हुआ जोरदार स्वागत
इससे पहले, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर अमरीका के साथ रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर बात करने के लिए सोमवार को पेंटागन पहुंचे। वहां पर अमरीकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने उनका जोरदार स्वागत किया। सामान्य तौर पर पेंटागन पहुंचने वाले लोगों का सीढिय़ों पर ही हाथ मिलाकर स्वागत किया जाता है। लेकिन विशिष्ट अतिथियों के स्वागत में संक्षिप्त समारोह भी होता है और राष्ट्रीय धुन भी बजाई जाती है।
पर्रीकर-कार्टर की छठी भेंट
पर्रीकर को पेंटागन में विशिष्ट अतिथि का दर्जा दिया गया। स्वागत समारोह के बाद पर्रीकर ने पेंटागन में 9/11 स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। पर्रीकर की कार्टर के साथ यह छठी भेंट होगी। पर्रीकर की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों में सैन्य विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। इसी साल अप्रैल में कार्टर की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते की घोषणा हुई थी।