भारत को हमले का जवाब हमेशा हमले के रूप में देना चाहिए, दीजिए अपनी राय
आतंकियों के जमा होने की सूचना पर कार्रवाई रणधीर सिंह ने कहा कि बुधवार को हमें बहुत पुख्ता जानकारी मिली थी कि सीमा के पास आतंकी जमा है और वे भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में हैं। इस पर हमने सर्जिकल कार्रवाई की। हमारा मकसद आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करना था। डीजीएमओ ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा नहीं निभाया है। आतंक को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। उधर, पाकिस्तान मीडिया की ओर से दो पाक सैनिकों के मारे जाने की खबर है। वहीं पीओके में भारतीय सेना के सर्जिकल ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि हम भारतीय सेना की इस कार्रवाई की निंदा करते हैं।
7 आतंकी कैंपों पर बोला था हमला बता दें कि सेना ने एलओसी के पार जाकर 7 ठिकानों पर हमला बोला था। पाकिस्तान इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन का कहना है कि भारतीय सेना ने केल एंड लिम्पा, भिंभोर और हॉट स्प्रिंग सेक्टर में हमला किया। खबरों के अनुसार भारतीय सेना से सबसे बेहतरीन जवान हेलिकॉप्टर के जरिए एलओसी तक पहुंचे थे। इसके बाद वे पैदल ही एलओसी पार करके दो किलोमीटर तक अंदर चले गए। कहा जा रहा है कि भारतीय सेना के हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने भी क्रॉस फायरिंग की, लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी।
सर्जिकल ऑपरेशन के बारे में पाक को भी बताया डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि मैंने पाक के डीजीएमओ से बात की और उन्हें भी कल रात हुए सर्जिकल ऑपरेशन के बारे में बता दिया है। भारत इस क्षेत्र में अमन चाहता है, लेकिन हम नहीं चाहते कि एलओसी पर खतरा पैदा हो और हमारे देश के लोगों की जान खतरे में पड़े। बता दें कि एलओसी पर बुधवार रात फिर सीजफायर वॉयलेशन हुआ था। फायरिंग में पाकिस्तान के दो जवान मारे गए हैं। यह दावा पाकिस्तान के इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स ने किया है। यह फायरिंग रात करीब ढाई बजे से सुबह 8 बजे तक हुई।
पाक के खिलाफ लगातार सबूत मिल रहे हैंः सिंह वहीं रणबीर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ लगातार सबूत मिल रहे हैं। हमने कुछ आतंकवादियों को गिरफ्त में लिया है, जो कि पाकिस्तान और पीओके से संबंध रखते हैं। उन्होंने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्हें पाकिस्तान से प्रशिक्षण और हथियार मिले थे। डीजीएमओ ने कहा कि अगर हम किसी भी तरह अपना नुकसान कम करने में कामयाब रहते हैं तो इसका श्रेय हमारे जवानों को जाता है।
इस साल घुसपैठ की 20 कोशिशें नाकाम की उन्होंने कहा कि 2014 से ही पाकिस्तान लगातार सीज फायर को तोड़ रहा है। इस साल कुल घुसपैठ की 20 कोशिशों को नाकाम किया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 2004 में यह आश्वासन दिया था कि वह अपनी जमीन को आतंकी हमलों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा। ऐसे में हम पाकिस्तानी सेना से कहना चाहते हैं कि वे इस पर कायम रहें।
डोभाल की अगुवाई में हुआ सर्जिकल स्ट्राइक बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी प्लानिंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अगुआई में की गई। आर्मी के मुताबिक, बुधवार रात को एलओसी के पार 5 आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की गई। इस पूरे ऑपरेशन को डोभाल ने दिल्ली से लीड किया। 4 जून, 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने हमला कर सेना के 18 जवानों की जान ली थी। इसके बाद ऑपरेशन की प्लानिंग के लिए डोभाल ने 6 जून को प्रधानमंत्री के साथ बांग्लादेश जाने का प्रोग्राम टाल दिया था। हमले के बाद डोभाल कुछ दिन से मणिपुर में ही थे। यहां वे इंटेलिजेंस से मिले इन्पुट्स पर नजर रख रहे थे। आर्मी को पता चला था कि उग्रवादी म्यांमार सीमा में छिप गए थे। एलीट पैराकमांडो म्यांमार सीमा में घुसे और उग्रवादियों के दो कैंप तबाह किए, इस दौरान करीब 100 उग्रवादी मारे गए थे।
प्रधानमंत्री ने ली सीसीएस की बैठक उधर, जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से बार-बार किए जा रहे संघर्ष विराम के उल्लंघन की रिपोर्टों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिमंडल की रक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की आज यहां हुई एक बैठक में नियंत्रण रेखा (एलओसी) की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मोदी के अलावा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, गृह मंत्री राजनाथ सिहं, वित्त मंत्री अरुण जेटली,विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग आदि उपस्थित थे। जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकवादी हमले में भारतीय सेना के 18 जवानों के शहीद होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आज बिना उकसावे के गोलीबारी करके फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। पाकिस्तान ने कल शाम भी पुंछ सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।