मांउट एवरेस्ट से आईपीएस सरोज कुमारी के साथ पैदल लौट रहा है भारतीय दल
Published: Apr 26, 2015 11:21:00 pm
आईपीएस अधिकारी सरोज कुमारी पूरी तरह सुरक्षित हैं और पैदल ही अपने चार अन्य साथियों के साथ माउंट एवरेस्ट से नीचे की तरफ उतर रही हैं
अहमदाबाद। सूरत ग्राम्य में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के पद पर सेवारत आईपीएस अधिकारी सरोज कुमारी पूरी तरह सुरक्षित हैं और पैदल ही अपने चार अन्य साथियों के साथ माउंट एवरेस्ट से नीचे की तरफ उतर रही हैं। सरोज कुमारी की रविवार को दो बार उनके परिजनों से बातचीत हुई।
घर वालों को दी कुशल होने की सूचना-
राजस्थान के झुंझुनूं जिले की चिडावा तहसील के खुडानिया गांव निवासी उनके भाई सुनील कुमार ने बताया कि सुबह और दोपहर को उनसे बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि दो बार और हिमस्खलन हो चुका है। हालांकि वो और उनका पूरा दल सुरक्षित है। हिमस्खलन में काफी लोग मारे गए हैं और काफी जख्मी हुए हैं। ये दृश्य देखकर वो और उनके साथी काफी दु:खी हैं, जिससे उन्होंने खुद सहायता लेने की जगह पहले घायलों को निकालने के लिए कहा। इस बीच वो और उनके साथी नीचे की तरफ खुद ही उतर रहे हैं। वो सोमवार सुबह तक लुकला इलाके में पहुंच जाएंगे। इसके बाद सोमवार दोपहर को उन्हें वहां से निकाले जाने की उम्मीद है। उनके पास खाने-पीने की पूरी व्यवस्था है और उन्हें किसी तरह की कोई चोट नहीं आई है। एक साथी को फ्रेक्चर हुआ है, लेकिन अन्य साथी व आर्मी के जवानों के कुछ साथी भी उनके साथ हैं, जिससे सभी साथ में नीचे उतर रहे हैं।
सुनील ने बताया कि वो इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) के अधिकारियों व गुजरात पुलिस के अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं। माता-पिता से भी बातचीत हुई है। उन्हें थोड़ी तसल्ली तो है, लेकिन कोई भी खाना नहीं खा रहा है। वो अपनी आंखों के सामने सरोज कुमारी को देखने के बाद ही चैन मिलने की बात कह रहे हैं। सरोज कुमारी व उनके साथियों के पास मोबाइल है, जिससे वो थोड़ी बात करने के बाद उसे बंद कर लेती हैं। ताकि बाद में भी बातचीत कर सकें।
अभियान एक साल के लिए टला :
सरोज कुमारी व उनके चार अन्य साथी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के जिस अभियान पर निकले थे वो इस विनाशकारी भूकंप के चलते बने हालात को देखते हुए एक साल के लिए टाल दिया है।