भारत के नए पनडुब्बी पोत को भांप नहीं पाएंगे दुश्मन
Published: Apr 27, 2015 09:44:00 am
नौसेना दो ऎसे पनडुब्बी रोधी युद्धपोत तैयार कर रहा है, जिसे स्वीडन से मंगाई खास
कॉर्बन फाइबर से विकसित किया जा रहा है
कोलकाता। नौसेना दो ऎसे पनडुब्बी रोधी युद्धपोत तैयार कर रहा है, जिसे स्वीडन से मंगाई खास कॉर्बन फाइबर से विकसित किया जा रहा है। नौसेना किसी पोत में पहली बार यह तकनीक इस्तेमाल कर रही है। स्वीडन शिपयार्ड कोकुम्स से आयातित फाइबर से आईएनएस किल्टन व आईएनएस कवरत्ती का निर्माण सार्वजनिक उपक्रम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा कोलकाता में किया जा रहा है। इनका नाम लक्षदीप द्वीप समूह के द्वीपों के नाम पर रखा गया है।
इनकी सबसे बड़ी खासियत मजबूती और हल्का होने के साथ ही दुश्मन के राडार की पकड़ से दूर होना है। इस युद्धपोत की स्थिति को लेकर दुश्मन सेना पता ही नहीं लगा सकेगी। कामोर्ता क्लास का आईएएनएस किल्टन व कवरत्ती पोत नौसेना को वर्ष 2017 में सौंपे जाएंगे।
ऎसा होगा पोत
यह पोत 110 मीटर लंबा होगा, जिसकी रफ्तार 25 समुद्री मील/ घंटे होगी। यह वजन में सामान्य पोत से करीब 30 फीसदी हल्का होगा। इसकी खूबियों में जहां राडार की नजर से बचने में सक्षमता है। वहीं यह पोत छोटे-छोटे ब्लॉक्स में बंटा होगा। इसमें अधिक हथियार रखने में मदद मिलेगी।
भविष्य में हम देश के कुछ निर्माताओं से अनुबंध कर ऎसे युद्धपोत निर्माण सुनिश्चित करेंगे। हम भारतीयों को इसकी तकनीक का प्रशिक्षण भी देंगे।।
– एके वर्मा, प्रबंध निदेशक, जीआरएसई