उसे मैच करने वाला दिल तिरूअनंतपुरम में मिल भी गया, लेकिन वक्त पर पहुंचाना मुश्किल लग रहा था। इसके बाद नौसना से गुहार लगाई गई। नौसेना ने एक कदम आगे बढ़ते हुए तुरंत दिल को मात्र 79 मिनट में कोच्चि पहुंचा दिया। इसके लिए सेना ने अपने विशेष डॉर्नियर विमान को मिशन पर लगाया। 200 किमी की दूरी चंद मिनटों में तय कर ली।
ऎसे हुई तैयारी
तिरूअनंतपुर के श्री चित्रा तिरूनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में शुक्रवार सुबह नीलकंद शर्मा (46) को ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया जिसके बाद शर्मा के परिवार ने उनका दिल दान करने का फैसला किया। तिरूअनंतपुरम से चार घंटे में दिल को कोच्चि ले जाना संभव नहीं था। नेवी से बात हुई फिर तिरूअनंतपुरम के डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद शाम 6.10 मिनट पर शर्मा का दिल निकाल लिया।