नई दिल्ली। रेलमंत्री सुरेश प्रभु अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद इस साल भारतीय रेलवे की कमाई बढ़ा पाए। सितंबर 2015 की तुलना में इस साल सितंबर तक रेलवे के आय में 32 अरब 9 करोड़ रुपए तक की आई है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 की तुलना में रेवेन्यू 4.04 % कम है।
2015-16 में रेलवे ने की थी इतनी कमाई
रेल राज्यमंत्री राजन गोहाईं के मुताबिक साल 2015-16 में रेलवे की कुल आय 79,475 करोड़ रुपए रही थी, यह साल 2016-17 में घटकर 76,266 करोड़ रह गई।
माल भाडे में कमी आना है वजह
रेलवे की रेवन्यू में कमी आने की प्रमुख वजह माल भाड़े में कमी आना है। रेलवे को साल 2015-16 में 15 सितंबर तक मालभाड़े से 52,771 करोड़ रुपए की आय हुई थी। जबकि 2016-17 में 16 सितंबर तक यह कमाई घटकर 47,974 करोड़ रूपए रह गई। इसका मतलब मालभाड़े की कमाई में इस साल 9.09% की कमी दर्ज की गई। इसी मालभाड़े की कमाई में कमी की वजह से देश में दूसरा सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला रेल डिपार्टमेंट घाटे में चला गया गया।
इतना कम ढोया माल
गोहाईं के मुताबिक पिछले साल की तुलना में साल रेलवे ने 8.67 मिलियन टन माल कम ढोया।
वहीं, 787 करोड़ के घाटे के साथ दक्षिण मध्य रेलवे टॉप पर है। यदि जोन के अनुसार रेलवे की आय देखी जाए तो मध्य, पूर्व मध्य, उत्तर मध्य, पूर्वोत्तर, उत्तर पश्चिम, दक्षिण, दक्षिण पूर्व मध्य, दक्षिण पश्चिम, पश्चिम और पश्चिम मध्य रेलवे जोन घाटे में रहे।
ये जोन रहा सबसे ज्यादा घाटे में
पश्चिम जोन इस साल सबसे ज्यादा घाटे में रहा है। दक्षिण मध्य रेलवे जोन 787 करोड़ के घाटे के साथ टॉप पर है। वहीं, 762 करोड़ के घाटे के साथ पश्चिम जोन दूसरे नंबर पर रहा। वहीं इस साल पूर्व, पूर्व तटीय, उत्तर, पूर्वोत्तर सीमा, दक्षिण पूर्व और मेट्रो कोलकाता की आय बढ़ी है। उत्तर रेलवे 466 करोड़ के फायदे के साथ कमाई के मामले में सभी जोन से आगे रहा है।