रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस लक्ष्य को एक साल में हासिल कर लिया जाएगा। फिलहाल रेलवे 70 फीसदी कैशलेस हो चुका है।
आनंदमणि त्रिपाठी, जयपुर। देश के कोने-कोने और आम लोगों से सीधी जुड़ी ‘भारतीय रेलवे’ जल्द ही कैशलेस होने जा रही है। यानी टिकट खरीदना हो या माल भाड़ा चुकाना। चलती ट्रेन में खाना-पानी खरीदना हो या प्लेटफार्म पर कुली करना। लगभग सबकुछ कैशलेस होगा। इसमें रेलवे कर्मचारियों का वेतन भी शामिल है और ठेकेदारों व मजदूरों का भुगतान भी। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस लक्ष्य को एक साल में हासिल कर लिया जाएगा। फिलहाल रेलवे 70 फीसदी कैशलेस हो चुका है।
16 से 18 नवंबर तक चले रेल शिविर में कैशलेस सुविधा को लेकर प्रोजेक्ट पेश किए गए और अब रेलवे बोर्ड ने इस पर काम शुरू कर दिया है। आईआरसीटीसी ने इसके फायदे भी वेबसाइट पर गिनाने शुरू कर दिए हैं। देश के लिए यह एक बड़ा कदम है। रेलवे का बजट करीब पौन दो लाख करोड़ है। 1 अप्रेल से 10 नवंबर 2016 तक यात्री किराया मद में 1049 करोड़ रुपए और माल भाड़ा मद में 2889 करोड़ रुपए सहित अन्य मदों से कुल 4434 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है।
क्या-क्या होगा कैशलेस
टिकटिंग : ऑनलाइन, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, रेल कार्ड सहित ई-वॉलेट या फिर घर पर टिकट भेजकर
पार्किंग : डेबिट, क्रेडिट कार्ड, रेल कार्ड और ई-वॉलेट
मालभाड़ा : डेबिट, क्रेडिट कार्ड, रेलकार्ड और ई-वॉलेट
खानपान : ऑनलाइन, मोबाइल, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और ई-वॉलेट
कुली : ऑनलाइन और ई-वॉलेट
टैक्सी सुविधाएं : ऑनलाइन और ई-वॉलेट
पार्सल : डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, रेल कार्ड और ई-वॉलेट
‘रेल हाट’ से कैशलेस होगा भारतीय रेलवे
ग्रामीण क्षेत्रों में रेल सुविधाओं को कैशलेस बनाने के लिए पश्चिम रेलवे ने मुंबई मंडल रेल हाट योजना प्रस्तुत की है। जिसमें बताया कि छोटे स्टेशनों पर डाकघर, एसबीआई की तरह बिजनेस सेंटर बनाया जाए। लोगों को बैंकिंग सुविधा देकर यह किया जा सकता है।
500 स्वाइप मशीन
रेलवे बोर्ड जल्द ही बड़े स्टेशनों पर 500 स्वाइप मशीन लांच करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एसबीआई से बातचीत चल रही है। बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि दिसंबर में ही इसे लांच किया जा सकता है। अधिकारी का कहना है कि रेलयात्रियों के सुविधा के लिए कैशलेस व्यवस्था सबसे बेहतर है।
रेलवे कैशलेस को 100 फीसदी तक ले जाने के लिए अग्रसर है। इस समय हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए कई तरह की योजना पर कार्य चल रहा है।
अनिल सक्सेना, महानिदेशक जनसंपर्क, रेल मंत्रालय