चीन ने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति एवं सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख प्रणव मुखर्जी को आमंत्रित किया था।
नई दिल्ली।
भारत द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर तीन सितंबर को
बीजिंग में होने वाली बहुराष्ट्रीय सैन्य परेड में शामिल होने के लिए अपना सैन्य दल
नहीं भेजेगा। चीन ने इस परेड में शामिल होने के लिए सैन्य दल भेजने का निमंत्रण
भेजा था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि इस समारोह
के लिए भारत से राजनीतिक प्रतिनिधियों का दल भेजा जा रहा है जिसकी अध्यक्षता विदेश
राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह करेंगे। चीन ने इस कार्यक्रम में भाग
लेने के लिए राष्ट्रपति एवं सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख प्रणव मुखर्जी को आमंत्रित
किया था। उसे उम्मीद थी की मॉस्को में हाल ही में आयोजित एक ऎसे ही कार्यक्रम की
तरह मुखर्जी सैन्य दल के साथ वहां भाग लेंगे।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी
द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पाकिस्तान समेत 15 देशों के 1000 से अधिक जवान भाग
लेंगे। चीन इस कार्यक्रम के माध्यम से दुनिया के सामने अपनी सैन्य शक्ति का
प्रदर्शन करना चाहता है। पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम के लिए 75 जवानों की टुकड़ी
भेजी है। उल्लेखनीय है कि भारत ने इस मामले में काफी सोच विचार कर फैसला किया और
अंतत: सैन्य भागीदारी से बचने का निर्णय लिया। जापान भारत का करीबी सहयोगी है और यह
समारोह द्वितीय विश्व युद्ध में तीन सितंबर को हुई उसकी हार के उपलक्ष्य में मनाया
जा रहा है।