नई दिल्ली। जहां एक और देश के हर कोने से पाकिस्तान पर जुबानी हमला किया जा रहा है वहीं विदेश से भी एक जोरदार स्वर सुनाई दिया है। जी हां, देश की युवा डिप्लोमैट और संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के परमानेंट मिशन की पहली सेके्रटरी एनम गंभीर ने अपने प्रभावशाली भाषण से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
यूएन की महासभा के 71वें सत्र की जनरल डिबेट में भारत के राइट टु रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए एनम गंभीर ने पाक को खरी-खोटी सुनाई। एनम ने अपने प्रभावशाली भाषण में कहा, ‘जब आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है तो यह युद्ध अपराध कहलाता है। आतंकवाद को स्पॉन्सर करना पाकिस्तान की पुरानी नीति रही है। इसके नतीजे हमारे आस-पड़ोस के इलाकों से आगे भी दिखाई दे रहे हैं।
यह कितना विरोधाभासी है कि जिस देश ने अपने यहां आतंकवाद को ज्न्म दिया, वह मानवाधिकारों की बात कर रहा है। प्राचीन भारत में तक्षशिला ज्ञान का केंद्र हुआ करता था लेकिन अब वहां आंतकियों की कतार लगी है।’ उन्होंने अपने भाषण में 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए आतंकी हमले की याद भी दिलाई। एनम ने साफ शब्दों में कहा कि मानवाधिकारों की बात करने वाले पाकिस्तान का रवैया कितना पाखंडी और दोहरा है यह पुरी दुनिया अच्छे से समझ गई है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के कुछ घंटे बाद भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए उसको एक आतंकी देश बताया जोकि आतंकवाद को प्रायोजित करने की अपनी रणनीति के जरिए भारतीयों के खिलाफ युद्ध अपराधों को अंजाम देता है। एनम ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी करार दिया है, वे पाकिस्तान की सड़कों पर खुलेआम घूमते हैं और सरकार की मदद से अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
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