नई दिल्ली। वायुसेना के लापता हुए विमान एएन-32 की खोज के लिए अब आईएनएस जलाश्व को भेजा जाएगा। इंडियन आर्मी से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में मौसम खराब है, इसका तलाशी अभियान पर असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए आईएनएस जलाश्व को तलाशी अभियान में लगाया जाएगा। वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर लापता विमान एएन-32 के खोज अभियान का जायजा लेने चेन्नई के लिए रवाना होंगे। बता दें कि इस विमान में 29 लोग सवार थे।
क्या है जलाश्व की ताकतभारतीय नौसेना के युद्धपोत जलाश्व में एक हजार नौसैनिकों को ले जा सकने की क्षमता है। इस पर 4 एलसीएम, 8 हैलिकॉप्टर की लैंडिंग करवाई जा सकती है। बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं से लैस जलाश्व में 4 ऑपरेशन थियेटर, 12 बैड का वार्ड और लैबोरेट्री हैं। बताया जा रहा है कि जलाश्व आज दोपहर तक विमान के लापता होने के संभावित स्थान पर पहुंच जाएगा।
शुक्रवार को लापता हुआ था विमानविमान ने शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे चेन्नई से उड़ान भरी थी और उसे साढ़े ग्यारह बजे पोर्ट ब्लेयर पहुंचना था, लेकिन उसका आठ बजकर 45 मिनट पर वायुसेना के नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट गया। उस समय विमान बंगाल की खाड़ी के ऊपर उड़ान भर रहा था। नौसना, वायुसेना और तटरक्षक बल ने विमान की तलाश के लिए व्यापक अभियान चलाया है। खोज अभियान चेन्नई से 200 मील उत्तर में चलाया जा रहा है। नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने पी-8आई और तीन डोर्नियर विमानों को खोज अभियान में लगाया है। चार जहाज करमुख, घड़यिाल, ज्योति और कुथार भी लापता विमान की तलाश कर रहे हैं। रूस निर्मित एएन-32 वायुसेना के सबसे भरोसेमंद विमानों में से एक है। इसमें छोटी हवाई पट्टी से उड़ान भरने और उस पर उतरने की क्षमता है। यह एक हल्का सैन्य परिवहन बहुपयोगी विमान है।
लापता विमान का आज सुबह तक कोई पता नहीं चल पाया है। नौसेना और एयरफोर्स का तलाशी अभियान जारी है। नौसेना का युद्धपोत जलाश्व लापता हुए विमान के मिलने के संभावित एरिया में पहुंच जाएगा। जलाश्व के आने से तलाशी अभियान को मजबूती मिलेगी।
लेफिटेनेंस कर्नल मनीष ओझा, रक्षा प्रवक्ता