scriptइरोम शर्मिला ने अनशन तोडऩे की अपील ठुकराई | Irom Sharmila rejects appeal to break fast | Patrika News

इरोम शर्मिला ने अनशन तोडऩे की अपील ठुकराई

Published: Mar 09, 2016 07:50:00 pm

इरोम शर्मिला ने अनशन खत्म करने की मणिपुर की समाज कल्याण मंत्री अकोइजाम मीराबाई की अपील ठुकरा दी है

Irom Sharmila

Irom Sharmila

इंफाल। मणिपुर से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम 1958 (अफस्पा) को हटाने की मांग को लेकर चार नवंबर, 2000 से आमरण अनशन पर बैठीं इरोम शर्मिला ने अनशन खत्म करने की मणिपुर की समाज कल्याण मंत्री अकोइजाम मीराबाई की अपील ठुकरा दी है। साथ ही प्रदेश में कांग्रेस सरकार मीराबाई के ‘भ्रामक बयानों’ को लेकर साफ-सफाई में जुट गई है। मीराबाई ने इरोम से कहा था कि इस कानून को हटाने का केंद्र से अनुरोध किया गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

यह घटना उस वक्त घटी, जब मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कांग्रेस की दो महिला विधायक मीराबाई तथा मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी की पत्नी ओकराम लांधोनी, शर्मिला से मिलने इंफाल स्थित जे.एन.इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पहुंचीं। संक्षिप्त मुलाकात के दौरान, शर्मिला ने यह जानना चाहा कि क्या वह कुछ असंभव चीज की मांग कर रही हैं।

शर्मिला ने कहा, क्या मैं चांद मांग रही हूं? समाज को शांतिपूर्ण व जीवंत बनाने में महिलाओं की भूमिका सर्वविदित है। मैं बीते 16 वर्षों से अनशन पर हूं, लेकिन सरकार ने आंखें मूंद रखी हैं और यह बेहद निराशाजनक है। त्रिपुरा ने कहा है कि अफस्पा को किसी भी वक्त हटाया जा सकता है।

मीराबाई ने उन्हें समझाते हुए कहा, अफस्पा हटाना केंद्र के हाथ में है। इसे हटाने के लिए राज्य सरकार केंद्र पर बराबर दबाव बनाए हुए है। इसलिए आपको अपनी भूख हड़ताल वापस लेनी चाहिए और हम सब मिलकर यह मांग कर सकते हैं। इरोम शर्मिला को हालांकि इस तरह समझाने का दांव उन पर उलटा पड़ गया है, क्योंकि कानून की उन्हें खुद अच्छी समझ है। समाज के अन्य तबके भी मंत्री मीराबाई के इस बयान से ताज्जुब में पड़ गए।

वकील व मानवाधिकार कार्यकर्ता खाइदेम मणि ने कहा कि मीराबाई शायद कानूनी प्रावधानों से पूरी तरह अवगत नहीं हैं। उन्होंने कहा, राज्य सरकार डिस्टब्र्ड एरिया एक्ट को हटाने के लिए काफी है, जिसके तहत अफस्पा लगाया जाता है। मणि ने कहा, ‘त्रिपुरा सरकार ने राज्य से इसे हटाने के लिए केंद्र से किसी तरह की मंजूरी नहीं ली है। शर्मिला ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक अफ्सपा नहीं हटाया जाता, तब तक उनके अनशन तोडऩे का सवाल नहीं उठता।
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