यह प्रदर्शनी में भारतीय संस्कृति के विभिन्न चरणों को आधुनिक तकनीक के जरिए प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी का आयोजन “कल्चरल कांटिन्यूटी फ्रॉम ऋग्वेद टू रोबोटिक्स” नाम से किया गया है। प्रदर्शनी में हड़प्पा सभ्यता से लेकर वैदिक और उत्तर वैदिक काल की अहम खोजों को चित्रों के माध्यम से पेश किया गया है। इसके साथ ही रामायण और महाभारत के समय को भी आधुनिक तकनीक के जरिए चित्रित किया गया है।
प्रदर्शनी का उद्घाटन संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने किया है। संस्कृति मंत्री कहते हैं कि प्रदशनी में ऎसा बहुत कुछ है जिसकी सामग्री के बारे में प्रमुखता से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। हमने अपने मंत्रालय से भी कहा है कि सभी तथ्य एकत्रित किए जाएं और एक रिपोर्ट बनाकर उन्हें दी जाए।
इंस्टीटयूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च की निदेशक सरोज बाला कहती हैं कि यह जानकारी उन ग्रह-नक्षत्रों के माध्यम से ली गई है जो उस समय आकाश में थे। हमने सॉफ्टवेयर के जरिए उसका विश्लेषण किया और राम के जन्म का सही समय और सही तिथि का पता लगाया। पांडवों के वनवास के काल को भी जानने के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया।