इशरत जहां केस: निलंबित डीएसपी एनके अमीन को भी जमानत
Published: May 08, 2015 02:56:00 pm
अमीन इस मामले में जेल में बंद आखिरी आरोपी थे, वे जमानत अवधि में अहमदाबाद की सीमा से बाहर नहीं जा सकते
अहमदाबाद। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बहुचर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी पुलिस अधिकारी एन के अमीन को जमानत दे दी। विशेष सीबीआई न्यायधीश केआर उपाध्याय ने अमीन को दो लाख रूपये के मुचलके पर जमानत दी। वे जमानत की अवधि में अहमदाबाद की सीमा से बाहर नहीं जा सकते और प्रत्येक गुरूवार को अदालत में पेश होना होगा। इसके अलावा उनका पासपोर्ट भी अदालत में जमा होगा।
एक अन्य मामले सोहराबुददीन शेख मुठभेड़ मामले के भी आरोपी रहे अमीन को इशरत जहां मामले में चार अप्रैल 2013 को गिरफ्तार किया गया था। अमीन के वकील ने दलील दी थी कि अदालत ने इस मामले के मुख्य आरोपी डीजी वंजारा को जमानत दे दी है तो उनके मुवक्किल को भी जमानत दी जानी चाहिए। उन्हें सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है।
मुम्बई की एक कॉलेज छात्रा इशरत जहां, उसके पुरूष साथी जावेद शेख और दो पाकिस्तानी नागरिक अमजद अली राना और जीशान जौहर को पुलिस ने 15 जून 2004 को अहमदाबाद के समीप कथित तौर पर एक मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस को संदेह था कि चारों तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या के उद्देश्य के लिए आये थे। सीबीआई ने इंटेलीजेंस ब्यूरो और गुजरात पुलिस के इस संयुक्त अभियान को बाद में फर्जी मुठभेड़ करार दे दिया। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तत्कालीन पुलिस कमिश्नर पीपी पांडेय, एसीपी डीजी वंजारा और तत्कालीन डीएसपी अमीन समेत कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया था।
पांडेय और वंजारा को सीबीआई की इसी अदालत ने गत फरवरी माह में जमानत दी थी। पांडेय ने इसके बाद से पुन: पदभार संभाल लिया था जबकि सेवानिवृत्त वंजारा अदालत के आदेश के अनुरूप गुजरात से बाहर मुंबई में रह रहे हैं। अमीन इस मामले में जेल में बंद आखिरी आरोपी थे।