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सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने के लिए ISI ने बनाया नया प्लान

Published: Oct 17, 2016 01:59:00 pm

कश्मीर में हिंसा और आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने नया प्लान बनाया है

hafiz saeed

hafiz saeed

नई दिल्ली। कश्मीर में हिंसा और आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने नया प्लान बनाया है। आईएसआई कश्मीर में निष्क्रिय हो चुके आतंकी संगठनों को हमलों के लिए तैयार कर रही है।

खुफिया रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि निष्क्रिय हो चुके आतंकी संगठनों जैसे अल उमर मुजाहिदीन,हरकत उल अंसार/मुजाहिदीन,अल बदर,इख्वान उल मुजाहिदीन और अल जेहाद फोर्स को फिर से जिंदा करने की योजना बनाई जा रही है। आईएसआई ने जैश ए मोहम्मद,लश्कर ए तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे बड़े आतंकी संगठनों को कश्मीर के बाहर बड़े हमले की जिम्मेदारी सौंपी है।

कश्मीर घाटी में आतंक के इस नए प्लान का जिम्मा मुजफ्फराबाद (पीओके)में बैठे अल उमर मुजाहिदीन के सरगना मुश्ताक जरगर को दिया गया है। मूल रूप से श्रीनगर का रहने वाला मुश्ताक जरगर आतंक का पुराना चेहरा है जिसे आईसी-814 विमान अपहरण के बाद मसूद अजहर के साथ कंधार ले जाकर छोड़ा गया था। आईएसआई कशमीरियों में मुश्ताक जरगर की पकड़ का फायदा उठाकर आतंक के नापाक प्लान को कामयाब करने का सपना देख रही है।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर घाटी में मौजूद 250 आतंकियों में 107 स्थानीय लोग शामिल है। आईएसआई ने उनको नए प्लान के तहत चुपचाप सुरक्षा बलों पर हमला करके छिपने का काम किया है। कश्मीर में मौजूद आतंकी कश्मीर पुलिस के जवानों से हथियार छीनकर सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि आतंकी हथियार लूटने के लिए पुलिस बलों को ज्यादा से ज्यादा निशाना बनाने की कोशिश में है।

आईएसआई के नए प्लान की शुरुआत पत्थरबाजों की आड़ में सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंकने के खतरनाक प्लान से हुई थी। जाकुरा में हमले से पहले ही अल उमर मुजाहदीन के आतंकियों ने श्रीनगर के नोहट्टा चौक पर तैनात सीआरपीएफ के कमांडेंट पर हमला करने की योजना बनाई थी। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक अल उमर मुजाहिदीन घाटी में तैनात सुरक्षा बलों पर हमले और तेज करेगा। साथ ही ये हमले उन आबाजी वाले इलाकों में अंजाम दिए जाएंगे जहां आसानी से छिपा जा सके।

जरगर कश्मीर घाटी के सबसे पुराने आतंकियों में से एक है। 1992-93 में उसने अल उमर मुजाहिदीन संगठन बनाया। 1992 में मुश्ताक अहमद जरगर गिरफ्तार हुआ। गिरफ्तारी के बाद अल उमर मुजाहिदीन खत्म हो गया। जरगर 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड में रिहा हुए आतंकी मसूद अजहर का करीबी है। यह श्रीनगर में सबसे ज्यादा सक्रिय था।

कश्मीरी पंडितों को घाटी से भगाने में जरगर का अहम रोल रहा है। 1992-93 में जरगर ने छोटी गाडिय़ों को श्रीनगर में बैन किया ताकि सुरक्षाकर्मी श्रीनगर की गलियों में न घुस सके। यह संगठन करीब 20 साल बाद फिर सक्रिय हुआ है। सक्रिय होते ही इसके संगठन ने श्रीनगर के पास जकूरा में रविवार रात एसएसबी के काफिले पर हमला किया। हमले में एक जवान शहीद हो गया जबकि 8 जख्मी हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी अल उमर मुजाहिदीन ने ली। हालांकि सूत्रों का कहना है कि हमला लश्कर ए तैयबा ने किया है और जरगर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए गलत दावा कर रहा है।

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