आतंकियों को जब पता चला कि अपहरण किए गए भारतीय टीचर्स हैं तो उनका बदला बर्ताव, कहाः हम टीचर्स की इज्जत करते हैं
बेंगलुरू। खूंखार आतंकी संगठन
आईएसआईएस से चंगुल से छूटे
दो भारतीयों ने जो बातें बताईं वो वाकई में दिलचस्प हैं। इनका कहना है कि आतंकवादियों के ने इनके साथ बुरा बर्ताव नहीं किया। वहीं जब आतंकियों को पता चला कि ये लोग टीचर्स हैं तो उनका व्यवहार ही बदल गया। आतंकियों ने कहा कि वे टीचर्स की बहुत इज्जत करते हैं और उन्हें नहीं मारेंगे। गौरतलब है कि आतंकियों ने लीबिया के शहर सिर्त से चार भारतीयों को अगवा कर लिया था। इनमें से दो को रिहा किया जा चुका है। ये चारों लीबिया के
सिर्त यूनिवर्सिटी में फैकल्टी हैं।
अपहरण के बाद छोड़े गए लक्ष्मीकांत ने बताया वे चारों लोग दो टैक्सियों में एयरपोर्ट जा रहे थे। तभी एक ड्राइवर का फोन आया कि उनकी गाड़ी रोक ली गई है। जब वे वहां पहुंचे तो कुछ बंदूकधारियों ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद हमे एक सूनसान जगह ले जाया गया। हमारा सारा सामान चैक किया गया और उसकी लिस्ट बना ली गई।
वहीं विजय कुमार ने बताया कि हम चारों को एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया। इसके बाद पूछताछ के लिए एक आतंकवादी आया, जिसने अपना नाम शेख बताया। उसने हमसे धर्म और पेशे के बार में पूछा। इसकी बाद उसने किसी को फोन किया और हमारे बारे में बताया। फोन करने के बाद आतंकी का रवैय्या ही बदल गया। उसने कहा कि हम टीचर्स की इज्जत करते हैं और आपको नहीं मारेंगे। तुम लोगों ने बहुत सारे लीबियाई बच्चों को कुछ सिखाया है। हम तुम्हें हथकड़ी नहीं पहनाएंगे और न ही आंखों पर पट्टी बांधेंगे।