वायुसेना के लापता विमान की तलाश में मदद करेगा ‘इसरो’
Published: Jul 23, 2016 09:31:00 pm
नौसेना और तटरक्षक बल अपने जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों की मदद से
वायुसेना के शुक्रवार लापता हुए एएन-32 विमान की तलाश में जुटे हैं, लेकिन
अब तक विमान का कोई अता-पता नहीं है
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने रडार इमेजिंग उपग्रह (रीसैट) के जरिए शुक्रवार को लापता हुए वायुसेना के एएन-32 विमान की तलाश में मदद करेगा। इसरो अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने शनिवार को कहा कि रीसैट उपग्रह में लगे सक्रिय माइक्रोवेव रिमोट सेंसर के कारण यह दिन और रात दोनों समय की तस्वीरें ले सकता है और बादलों को चीरकर तस्वीरें ले सकता है।
उन्होंने बताया कि इसरो साथ में उपग्रह से प्राप्त आंकड़े देखकर लापता विमान के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि लापता विमान के बीकन का सिग्नल दूसरों के उपग्रहों को प्राप्त नहीं हुआ क्योंकि ऐसा कोई सिग्नल था ही नहीं।
वायुसेना के लापता एएन-32 विमान की तलाश अब भी जारी
नौसेना और तटरक्षक बल अपने जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों की मदद से वायुसेना के शुक्रवार लापता हुए एएन-32 विमान की तलाश में जुटे हैं, लेकिन अब तक विमान का कोई अता-पता नहीं है। चालक दल के छह सदस्यों सहित 29 लोगों के साथ एएन-32 विमान शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया था। यह विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर की नियमित कूरियर उड़ान पर था और इसने सुबह साढ़े आठ बजे वायुसेना के तम्बारम हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी।
निर्धारित समय के अनुसार इस विमान को साढ़े ग्यारह बजे पोर्ट ब्लेयर उतरना था, लेकिन आठ बजकर 45 मिनट पर इसे रडार पर अंतिम बार देखा गया। इसमें नौसेना आयुध डिपो (नाड) के आठ अधिकारी भी सवार थे। यहां आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से हुई बातचीत में तमिलनाडु और पुड्डुचेरी क्षेत्र के फ्लैग ऑफिसर रियर एडमिरल आलोक भटनागर ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार सुबह लापता हुए विमान की तलाश पूरी सरगर्मी से की जा रही है। जहाज, विमान, पनडुब्बी सब तलाशी अभियान में जुटे हैं, लेकिन अब तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है। तलाशी अभियान अब भी जारी है।
उन्होंने बताया कि अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है, लेकिन तलाश जारी है। कार्यक्रम में मौजूद तटरक्षक बल के क्षेत्रीय कमांडर (पूर्व) महानिरीक्षक राजन बर्गोत्रा ने बताया कि तटरक्षक बल के दो जहाज आईसीजीएस सागर और आईसीजीएस समुद्र पहरेदार तथा विमान तलाशी अभियान में शामिल हैं। इसी बीच, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर शनिवार को चेन्नई पहुंचे और लापता विमान के बारे में सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की एवं क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया।
पर्रिकर विशेष विमान से अराक्कोणम स्थित नौसेना के वायुसेना केंद्र पहुंचे, जहां उन्हें तलाशी अभियान के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान उनके साथ वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरुप राहा और पूर्वी नौसेना कमान के कमांडिंग इन चीफ फ्लैग ऑफिसर भी मौजूद थे। अरक्कोणम से पर्रिकर तम्बारम वायुसेना स्टेशन पहुंचे, जहां उन्हें तटरक्षक बल और नौसेना के संयुक्त तलाशी अभियान के बारे में बताया गया।
वायु सेना, नौसेना एवं तटरक्षक बल के अधिकारियों के साथ तलाशी अभियानों की स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरुप राहा और पूर्वी नौसेना कमान के कमांडिंग इन चीफ फ्लैग ऑफिसर के साथ उस इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया, जहां तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। तलाशी अभियान के लिए पूर्वी नौसेना कमान ने दो पी8आई समुद्री गश्ती विमान, दो डोर्नियर विमान और 13 जहाजों सहित कई हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है।
पूर्वी नौसेना कमान ने बंगाल की खाड़ी में अलग-अलग मिशन पर तैनात चार जहाजों को भी तलाशी अभियान में लगा दिया है। गौरतलब है कि इस विमान पर चालक दल के छह सदस्य, भारतीय वायुसेना, सेना और तटरक्षक बल के 15 जवान और आठ नागरिक सहित 29 लोग सवार थे।