scriptPSLV-C35 ने सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किए 8 उपग्रह | ISRO launches successfully 8 satellites in 2 different orbits using PSLV C-35 Mission | Patrika News

PSLV-C35 ने सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किए 8 उपग्रह

Published: Sep 26, 2016 12:40:00 pm

इसरो क PSLV-C35 के जरिए 8 उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा, पहला उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च

PSLV-C35

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चेन्नई। भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन PSLV-C35 ने अपने टार्गेट को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसरो के इस भरोसेमंद यान ने सोमवार को एक नया इतिहास रचते हुए पहली बार आठ उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया। इनमें से पहले मौसम उपग्रह स्केटसेट-1 को PLSV-C35 ने सफलतापूर्वक सूर्य समकालिक कक्षा (SSO) में स्थापित किया। शेष 7 उपग्रहों को 2.15 घंटे बाद पोलर ऑर्बिट में भेजने में भी सफलता प्राप्त की। यह इसरो का अब तक का सबसे लंबी अवधि का अभियान रहा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, यह पीएसएलवी का पहला मिशन है जिसके तहत उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित किया गया। इन उपग्रहों में देश के मौसम उपग्रह स्कैटसैट-1 और पांच अन्य देशों के उपग्रह शामिल हैं। इनमें देश के छात्रों द्वारा बनाया गया उपग्रह प्रथम भी शामिल हैं। इन सभी उपग्रहों का कुल वजन 675 किलोग्राम है।

अब है एक प्रक्षेपण में 68 उपग्रह छोड़ने का टार्गेट
इसरो के इस महत्वाकांक्षी प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी35 को सोमवार सुबह 9:12 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर के पहले प्रक्षेपण पैड से प्रक्षेपित किया गया। इसरो एक ही अभियान में 68 उपग्रहों को छोड़ने की तैयारी कर रहा है। इस हिसाब से यह अभियान बहुत महत्वपूर्ण है।

PSLV-C35 ने इन दो कक्षाओं में उपग्रह लॉन्च किए
सोमवार को 320 टन के पीएसएलवी रॉकेट पर 371 किलोग्राम के स्कैटसैट-1 उपग्रह को समुद्र और मौसम से जुड़े अध्ययन के लिए 730 किलोमीटर धु्रवीय सौर स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया। इसमें कुल 17 मिनट का समय लगा।

पांच विदेशी उपग्रह हैं
पीएसएलवी-सी35 अपने साथ 371 किलोग्राम वजन वाले स्कैटसैट-1 और सात अन्य उपग्रहों को लेकर गया था। इससे भेजे जाने वाले पांच जो विदेशी उपग्रह हैं, उनमें एलसैट-1बी वजन 103 किलोग्राम, एलसैट-2बी वजन 117 किलोग्राम और एलसैट-1एन वजन सात किलोग्राम है और ये तीनों अल्जीरिया के हैं। एक कनाडा का एनएलएस-19 वजन आठ किलोग्राम और एक अमेरिका का पाथफाइंडर वजन 44 किलोग्राम है।

आईआईटी छात्रों के उपग्रह को भी ले गया था PSLV-C35
इनके अलावा दो और भारतीय उपग्रह हैं। इन भारतीय उपग्रहों में एक का वजन 10 किलोग्राम है, जिसे आईआईटी बंबई के 250 छात्रों ने कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया है। इसका मकसद स्पेस में इलेक्ट्रॉन काउंट का अनुमान लगाना है। और दूसरा पीसैट है, जिसे पीईएस विश्वविद्यालय बेंगलुरू और इसके संकाय ने बनाया है और इसका वजन 5.25 किलोग्राम है। यह सैटेलाइट पृथ्वी की स्टडी में मदद करेगा।

इस तरह हुआ प्रक्षेपण

रविवार को इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने बताया कि पीएसएलवीसी-35 उपग्रहों को दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करेगा। प्रक्षेपित किए जाने के लगभग 17 मिनट बाद स्कैटसैट-1 को पहले 730 किलोमीटर वाली पोलर सनसिन्क्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में जारी किया जाएगा, जबकि बाकी उपग्रहों को लगभग दो घंटे के बाद 689 किलोमीटर वाली एक निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण के बाद स्कैटसैट-1 को कक्षा में पहुंचाने के बाद रॉकेट के चौथे चरण का इंजन बंद हो गया और यह एक घंटे 22 मिनट बाद फिर से दो बार चालू हुआ। अंतरिक्ष में दो घंटे और 11 मिनट की उड़ान के बाद इसका चौथा चरण फिर से चालू हुआ। सात मिनट बाद सभी सात उपग्रह अपनी इच्छित कक्षा में पहुंच गए।
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