scriptसीतलवाड़ दंपती को गिरफ्तारी से राहत देना “भूल” : सुप्रीम कोर्ट | It was a mistake to give interim relief from arrest to Setalvad couple : SC | Patrika News

सीतलवाड़ दंपती को गिरफ्तारी से राहत देना “भूल” : सुप्रीम कोर्ट

Published: Oct 12, 2015 10:39:00 pm

न्यायमूर्ति अनिल आर दवे और न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ ने कहा कि अंतरिम राहत
दो-सदस्यीय पीठ ने दी थी, जबकि इसके लिए तीन-सदस्यीय पीठ गठित किया जाना था

Teesta Setalvad

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुलबर्ग सोसाइटी म्यूजियम के लिए जुटाए गए फंड में कथित हेराफेरी के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ एवं उनके पति जावेद आनंद की अंतरिम राहत बढ़ाने के अपने फैसले को सोमवार को भूल की संज्ञा दी। न्यायमूर्ति अनिल आर दवे और न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ ने कहा कि अंतरिम राहत दो-सदस्यीय पीठ ने दी थी, जबकि इसके लिए तीन-सदस्यीय पीठ गठित किया जाना था।

कोर्ट ने कहा, इससे पहले अंतरिम राहत बढ़ाने का फैसला गलत था। कोर्ट ने यह स्वीकारोक्ति उस वक्त की जब सीतलवाड़ के वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम राहत 15 अक्टूबर को समाप्त हो रही है।

कोर्ट ने सिब्बल को सलाह दी कि वह इस मामले का विशेष उल्लेख मुख्य न्यायाधीश के समक्ष करें और तीन-सदस्यीय खंडपीठ गठित करने का उनसे अनुरोध करें, क्योंकि यह मामला तीन से कम सदस्यों वाली खंडपीठ के अनुकूल नहीं है। कोर्ट ने सीतलवाड़ दंपती की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, जिसे 11 सितम्बर को फिर से बढ़ाया गया था।
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