जालौरः प्रशासन के आपदा प्रबंधन की खुली पोल, कई गांवों में बाढ़ के हालात
Published: Jul 28, 2015 02:42:00 pm
बारिश के मौसम में आपदा से निपटने की पूर्व में आधी-अधूरी तैयारी ने प्रशासन के
आपदा प्रबंधन की पोल खोल दी। जिले के कई गांवों में बाढ़ के हालात हो गए
जालौर। बारिश के मौसम में आपदा से निपटने की पूर्व में आधी-अधूरी तैयारी ने प्रशासन के आपदा प्रबंधन की पोल खोल दी। जिले के कई गांवों में बाढ़ के हालात हो गए, लेकिन प्रशासन के पास बचाव के पर्याप्त संसाधन नहीं होने से राहत कार्य समय पर शुरू नहीं हो पाए। हालांकि, सूचना के बाद प्रशासन ने व्यवस्थाएं कर राहत कार्य शुरू कर दिया। लेकिन शुरूआत में लोगों को परेशानी हुई।
भीनमाल की कई कॉलोनियों में पानी भरने से लोगों को मकानों की छत पर चढ़कर जान बचानी पड़ी, लेकिन प्रशासन के पास बचाव के लिए नाव तक उपलब्ध नहीं थी। हालात बिगड़ने पर आनन-फानन में जालोर से नाव भेजने की तैयारी की गई, लेकिन रास्तों का सम्पर्क कट जाने से यह कवायद भी नाकाफी साबित हुई।
इसके अलावा जिला प्रशासन ने जोधपुर से आरएसी के तैराक, हेलीकॉप्टर व अन्य संसाधन मंगाए। ऎसे में सम्भावित आपदा से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से पूर्व में माकूल बंदोबस्त नहीं किए गए। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
आनन-फानन में नाविकों की व्यवस्था
जल संसाधन विभाग के पास जिले में चार नाव हैं। इन में से दो नाव जालोर व दो नाव सांचौर में है। लेकिन जिले के मध्य में स्थित भीनमाल में नाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई। अब सोमवार को भीनमाल में बाढ़ के हालात होने पर जिला मुख्यालय से नाव भेजने की आनन-फानन में व्यवस्था की गई। नावों के संचालन के लिए विभाग के प्रशिक्षित नाविक नहीं होने पर जोधपुर से प्रशिक्षित नाविक बुलाने पड़े।