इन विरोध-प्रदर्शनों पर नकेल कसने के लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने 400 स्थानीय नेताओं की सूची बनाई है। इस लिस्ट में उन लोगों के नाम है जो हिंसा को भड़का रहे हैं या उसके फैलने में किसी प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य पुलिस को इन नामों की सूची सौंप दी है और इन्हें तत्काल पकडऩे का आदेश जारी किया है। जन सुरक्षा कानून के तहत इन नेताओं को हिरासत में लेने का भी निर्देश जारी किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत और जमात-ए-इस्लामी संगठन भी है।
50 दिन, 70 मौतें और सात हजार करोड़ का नुकसान
बता दें कि कश्मीर में चल रहे संघर्ष के चलते राज्य को जान-माल का नुकासन तो हुआ ही है। राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, क्योंकि कश्मीर घाटी की अर्थव्यवस्था को इस संघर्ष के चलते अब तक करीब सात हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। कफ्र्यू और अलगागववादियों के विरोध-प्रदर्शन के चलते सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हो चुका है।