गत 75 दिन से अपोलो अस्पताल में इलाजरत तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जो अम्मा के नाम से लोकप्रिय थी का दिल का दौरा पडऩे से पांच दिसम्बर रात 11:30 पर निधन हो गया…
चेन्नई। गत 75 दिन से अपोलो अस्पताल में इलाजरत तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जो अम्मा के नाम से लोकप्रिय थी का दिल का दौरा पडऩे से पांच दिसम्बर रात 11:30 पर निधन हो गया। तमिलनाडु की छह बार मुख्यमंत्री रही जयललिता 68 वर्ष की थी।
25 मार्च 1989 को तमिलनाडु विधानसभा में बजट पेश किया जा रहा था। इस दौरान डीएमके और एआईडीएमके के बीच तल्खी काफी बढ़ गई। जयललिता के सदन से निकलने के क्रम में डीएमके के एक सदस्य ने उन्हें रोकने की कोशिश की। उसने उनकी साड़ी इस तरह से खींची कि उनका पल्लू गिर गया और जयललिता भी जमीन पर गिर गईं। अपमानित जयललिता ने प्रतिज्ञा ली की कि वे इस सदन में तभी कदम रखेंगी, जब वो महिलाओं के लिए सुरक्षित हो जाएगा। दूसरे शब्दों में वे अपने आप से कह रही थीं कि वे अब तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री के तौर पर ही वापस आएंगी।
जीत के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी से रहना पड़ा दूर
पांच सालों तक सत्ता से दूर रहीं जयललिता अपनी पार्टी के जीत के बावजूद 2001 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने में असफल रहीं। अन्नाद्रमुक ने निर्विरोध तौर पर उन्हें अपना अपना नेता तो चुना, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को दोबारा मुख्यमंत्री बनने से रोक दिया। कोर्ट के आदेश के बाद एआईडीएमके के विधायकों ने जयललिता के करीबी पनीरसेल्वम को सदन में अपना नेता चुना और वो मुख्यमंत्री बने।
करीबी पनीरसेल्वम ने संभाली सत्ता
तीसरी बार तमिलनाडु की सत्ता संभालने के 3 साल बाद ही 2014 में आय से अधिक की संपत्ति के केस में जयललिता पर 4 साल के लिए जेल की सजा के साथ 100 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया गया। कोर्ट के आदेश के बाद जयललिता को हिरासत में लिया गया। 29 सितंबर 2014 को ‘अम्मा’ के सहयोगी पनीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। जयललिता ज्यादा दिनों तक सत्ता से दूर नहीं रही और कोर्ट से निर्दोष साबित होने के बाद 22 मई 2015 को फिर से मुख्यमंत्री बन गईं।