चेन्नई। गत 75 दिन से अपोलो अस्पताल में इलाजरत तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जो अम्मा के नाम से लोकप्रिय थी का दिल का दौरा पडऩे से पांच दिसम्बर रात 11:30 पर निधन हो गया। तमिलनाडु की छह बार मुख्यमंत्री रही जयललिता 68 वर्ष की थी।
अपोलो अस्पताल ने उनके निधन की अधिकारिक पुष्टि करते हुए रात सवा 12 बजे बुलेटिन जारी किया। इससे पहले वित्त मंत्री ओ. पन्नीसेल्वम की अगुवाई में एआईडीएमके के मुख्यालय में विधायक दल की बैठक हुई। जहां उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया। वे तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री बनने गए। जयललिता के निधन के बाद राज्यभर में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई। उनके शव को अपोलो अस्पताल से काफिले के जरिए उनके आवास ओएत गार्डन ले जाया गया। उनका शव मंगलवार को अंतिम दर्शनार्थ राजाजी भवन में रखा जाएगा।
राजनीतिक सफर
– वर्ष 1983 में एमजीआर ने जयललिता को पार्टी का सचिव नियुक्त किया और राज्यसभा के लिए मनोनित किया ।
-1984 में जयललिता ने पार्टी के लिए चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया।
-1987 में एमजीआर के निधन के बाद जयललिता राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो गईं।
-1991 में तमिलनाडु की पहली निर्वाचित मुख्यमंत्री बनीं।
– 2001 में वो एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने में सफल हुईं।
-सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्तक्ति को अविध माना लेकिन कोर्ट से रहत मिलते ही 2002 में फिर से मुख्यमंत्री बन गईं।
-2011 में जब 11 दलों के गठबंधन ने 14वीं राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल किया तो वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।
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