script‘संविधान के दायरे में मांगों के लिए दबाव बनाएं जम्मू कश्मीर के लोग’ | JK people should push for demands under Constitutional framework, says Ram Madhav | Patrika News

‘संविधान के दायरे में मांगों के लिए दबाव बनाएं जम्मू कश्मीर के लोग’

Published: Jul 24, 2016 11:35:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

भाजपा महासचिव ने कहा कि राज्य के लोगों को अपनी मांगों
के लिए दबाव बनाने का पूरा अधिकार है, लेकिन यह सब संविधान के दायरे में
रहते हुए होना चाहिए

ram madhav

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पुणे/नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए भाजपा महासचिव राम माधव ने शनिवार को कहा कि राज्य के लोगों को अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने का पूरा अधिकार है लेकिन यह सब संविधान के दायरे में रहते हुए होना चाहिए। माधव ने कहा,जब हम जम्मू कश्मीर कहते हैं तो हमें ना सिर्फ भूमि को बल्कि राज्य के लोगों को भी स्वीकार
करना होगा।



कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। वहां के लोगों को अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने का पूरा हक है लेकिन ऐसा भारतीय संविधान के दायरे में रहते हुए होना चाहिए। फर्गूसन कॉलेज में देवर्षि नारद पत्रकारिता पुरस्कार वितरण के लिए आयोजित समारोह में राम माधव ने कहा, कश्मीर में कुछ लोग पाकिस्तान का समर्थन करने वाले हैं लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। वहां राष्ट्रवादी ताकतों को ताकतवर बनाने के लिए हमें कश्मीरी लोगों का दिल जीतना होगा।




करीब एक पखवाड़े पहले सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था,उसके बाद से ही घाटी में अशांति की स्थिति है। माधव ने दावा किया कि समाचार पत्रों पर कोई प्रतिबंध नहीं था लेकिन कफ्र्यू के कारण समाचार पत्रों को वितरण मुश्किल था। कुछ लोग शोर कर रहे थे कि अभिव्यक्ति की आजादी बाधित की जा रही है। अभिव्यक्ति की आजादी महत्वपूर्ण है लेकिन जीवन की स्वतंत्रता परम है।

भाजपा हैंडल विद केयर की नीति पर काम कर रही है
भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में केन्द्र सरकार देश विरोधी लोगों से सख्ती से निपट रही है लेकिन भाजपा वहां हैंडल विद केयर की नीति पर काम कर रही है क्योंकि वहां अपने देश के दिग्भ्रमित लोगों से निपटने है। हुसैन ने कहा,जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी की गठबंधन सरकार ने बिगड़े हालात से बहुत संयम से निपटा। जम्मू कश्मीर की अवाम अपने देश की है,इसलिए उसके साथ सीमा के आगे सख्ती नहीं की जा सकती है।

अपने देश के लोगों से निपटने के लिए 56 इंच का सीना नहीं किया जाता। 56 इंच का सीना दुश्मनों से निपटने के लिए है। अब तो यह सीना 56 इंच का ही नहीं दो इंच और बड़ा 58 इंच का हो गया है। कश्मीर में पत्थरबाजी कर रहे उपद्रवियों से सरकार सख्ती से निपट रही है लेकिन वहां के लोग देश के नागरिक हैं और पाकिस्तान और अलगाववादियों ने उन्हें भड़काया है। लिहाजा उनके खिलाफ एक सीमा से आगे सख्ती नहीं की जा रही है।

सरकार सावधानी के साथ बल प्रयोग कर रही है क्योंकि वहां लड़ाई दुश्मन से नहीं बल्कि अपने लोगों से हैं। उन्हें समझाना और बहकावे से बाहर लाना जरूरी है। पाकिस्तान के मामले में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की कूटनीति विफल नहीं हुई है। जहां तक प्रधानमंत्री के स्वयं पिछले वर्ष अचानक पाकिस्तान जाकर वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने और उनको जन्मदिन की बधाई देने की बात है तो कूटनीति में प्रयास करना अपना धर्म होता है लेकिन उसका सफल होना या नहीं होना अपने हाथ में नहीं होता है। हुसैन ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि उसके टुकड़े टुकड़े हो जाएंगे। कश्मीर लेने के ख्वाब में वह बिखर जाएगा,लिहाजा पाकिस्तान को इस ख्वाब को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहिए। हिंदुस्तान की सरजमीं पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की छूट किसी भी हाल में नहीं दी जाएगी,जो ऐसा करने की कोशिश करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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