नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शिक्षकों एवं छात्रों ने राष्ट्रविरोधी नारेबाजी मामले में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी की ङ्क्षनदा की है और मानव श्रृंखला बनाकर इसका विरोध किया है। जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) के महासचिव विक्रमादित्य ने रविवार को कहा कि छात्र या शिक्षक कभी भी किसी संविधान विरोधी कृत्य में न तो शामिल रहे हैं और न ही विश्वविद्यालय परिसर आतंकियों का गढ़ रहा है।
विक्रमादित्य ने जेएनयूटीए का पक्ष रखते हुए कहा कि कोई कुछ भी कहे, लेकिन हम कभी भी किसी असंवैधानिक काम में शामिल नहीं रहे हैं। हम यह भी साफ कर देना चाहते हैं कि हमें अपनी स्वायत्ता प्यारी है। जिसे जो कहना है कहे, लेकिन हम धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और उदारवादी रवैये के साथ हमेशा खड़े हैं। अगर किसी को लगता है कि वह हमें ध्वस्त कर देगा तो ऐसा कभी नहीं होने वाला। जेएनयूटीए ने विश्वविद्यालय को बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे अभियान की ङ्क्षनदा की है।
विक्रमादित्य ने कहा कि जेएनयू में सभी तरह के छात्र पढ़ते हैं। इस परिसर को राष्ट्रविरोधी और आतंकियों का गढ़ कहना गलत है। हमें कोई धमका नहीं सकता। देश में आपातकाल के बाद पहली बार कोई छात्र नेता गिरफ्तार हुआ है। आपातकाल भी हमें बदल नहीं पाई। जेएनयूटीए छात्र नेता पर लगाये गए राजद्रोह के आरोपों का विरोध करती है।
विक्रमादित्य ने कहा कि कैंपस में पिछले दिनों जो कुछ हुआ उसकी आंतरिक जांच होनी चाहिए। बिना सोचे-समझे छात्रों की गिरफ्तारी और छापेमारी पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने बिना सोचे समझे की जा रही गिरफ्तारियों और छापेमारी पर रोक लगाने की भी बात कही।
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