नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दस शिक्षकों ने कैंपस में हो रही गतिविधियों को लेकर पूर्व कुलपति को 400 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। इसमें साफतौर पर लिखा गया है कि पाकिस्तान समेत कई जगह देशविरोधी कार्यक्रमों में जेएनयू के शिक्षक और छात्र शामिल होने जाते हैं। इसके बाद भी जेएनयू प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।
हॉस्टल में अवैध रूप से रहते हैं छात्र
रिपोर्ट में भी कहा गया है कि जेएनयू में कई ऐसे छात्र हैं जो अवैध रूप से हॉस्टल में रहते हैं। सूत्रों की मानें तो एक साल पहले यह रिपोर्ट सरकार और जेएनयू प्रशासन को सौंपी गई थी। जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के शोध छात्र अंबा शंकर वाजपेयी का कहना है कि कैंपस और कैंपस के बाहर देशविरोधी गतिविधियों में जेएनयू के शिक्षक और छात्रों के भाग लेने के प्रमाण भी हैं। जेएनयू की एक उच्च स्तरीय जांच समिति ने कहा है कि 9 फरवरी को विवादास्पद कार्यक्रम में भड़काउ नारे बाहरी लोगों के एक समूह ने लगाए थे और उन्होंने कपड़े से अपने सिर और चेहरे ढके हुए थे।
जांच पैनल रिपोर्ट को नकारा
कैंपस में विवादास्पद कार्यक्रम में कथित भूमिका के लिए कारण बताओ नोटिस का सामना कर रहे जेएनयू छात्रों ने फैसला किया है कि विश्वविद्यालय के जांच पैनल की रिपोर्ट वे स्वीकार नहीं करेंगे। वो इसी के हिसाब से अपना जवाब देंगे।