scriptखतना के खिलाफ महिला पत्रकार ने खोला मोर्चा | Journalist opens up about 'khatna' among Bohras, campaigns against it | Patrika News

खतना के खिलाफ महिला पत्रकार ने खोला मोर्चा

Published: Feb 05, 2016 03:39:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

आरिफा जौहरी का कहना है कि बोहरा समुदाय में माना जाता है वह सिर्फ स्किन
का एक हिस्सा काट रहे हैं, लेकिन इसकी कोई वैज्ञानिक प्रक्रिया नहीं है

Aarefa Johari

Aarefa Johari

मुंबई। बोहरा समाज की विवादास्पद खतना परंपरा के खिलाफ अब एक महिला पत्रकार ने मुहीम शुरु की है। 29 साल की आरिफा जौहरी का कहना है कि बोहरा समुदाय में माना जाता है वह सिर्फ स्किन का एक हिस्सा काट रहे हैं, लेकिन इसकी कोई वैज्ञानिक प्रक्रिया नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि महिला के जननांग का कितना हिस्सा कट जाता है। आखिर वे इस प्रक्रिया को अंजाम क्यों देते हैं।

जौहरा बताता है कि जब वे सात साल की थी, तब उनका भी खतना किया गया था। मैं रोई, मुझे दर्द हो रहा था। मैं यह समझ नहीं पाई कि मेरे साथ ये क्या हुआ है। उन्होंने बताया कि बोहरा समाज में पुरुषों के अलावा महिलाओं का भी खतना किया जाता है।

उन्होंने बताया कि मैंने अपनी मां को एक मैग्जीन दिखाई थी, जिसमें बोहरा समुदाय की महिलाएं खतना के बारे में क्या सोचती हैं, इसके बारे में लिखा गया था। जौहरी ने कहा कि कॉलेज के दौरान उनके मन में नारीवादी विचारों का विकास हुआ। इसके बाद उन्होंने बोहरा समुदाय में खतना की परंपरा का अध्ययन करना शुरु किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम भारत में पाया जाने वाला दाऊदी बोहरा समुदाय खुद को यमन से जोड़ता है।

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