scriptजज ने तीन बार तलाक कहा और दे दिया पत्नी को तलाक | Judge pronounces 'triple talaq', wife complains to CJI | Patrika News

जज ने तीन बार तलाक कहा और दे दिया पत्नी को तलाक

Published: Feb 13, 2016 02:54:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

जज का जवाब था कि हम किसी सुलह तक नहीं पहुंच पा रहे थे, इसलिए हमने शरीयत कानून के अनुसार उसे तलाक दे दिया

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अलीगढ़। शरीयत कानून और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को लेकर देश की न्यायपालिका में बहस का दौर चलता ही रहता है। सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पर्सनल लॉ में मौजूद -तीन तलाक- और एक पत्नी के रहते दूसरी महिला से शादी और भरण पोषण के मामले में सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर स्वतंत्र संझान लिया था।

खबर है कि जिला न्यायालय में पदस्थ एक न्यायाधीश ने तीन बार तलाक कहकर अपनी 47 वर्षीया पत्नी को तलाक दे दिया। इस पर न्यायाधीश की पत्नी आफशा खान ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि यह अन्याय एक ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है, जिस पर पूरे समाज को न्याय देने की जिम्मेदारी है। महिला ने अपने पति पर उत्पीडऩ का भी आरोप लगाया है। सवालों में घिरे न्यायाधीश 59 वर्षीय मोहम्मद जहीरुद्दीन सिद्दीकी हैं जो अलीगढ़ में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश हैं।

मौखिक रूप से तीन बार तलाक कहकर तलाक दिए जाने के बारे में जब एक अंग्रेजी अखबार ने जज सिद्दीकी से पूछा तो जज का जवाब था कि हम किसी सुलह तक नहीं पहुंच पा रहे थे, इसलिए हमने शरीयत कानून के अनुसार उसे तलाक दे दिया। उल्लेखनीय है कि पिछले साल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन बार तलाक कहकर तलाक की प्रथा में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया था। अलीगढ़ का यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब आफशा भारत के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्रों को लेकर एक एक्टिविस्ट के पास पहुंची थी। आफशा का सिद्दीकी के साथ निकाह अलीगढ़ में 16 अगस्त 2015 को हुआ था। आफशा ने पत्र में लिखा है कि निकाह में परिवार के सभी सदस्यों, मेरे पति के पहली पत्नी से जन्मे पुत्रों ने भी शिरकत की थी।
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