scriptन्यायमूर्ति केहर होंगे सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश | Justice JS Khehar will be new Chief Justice of India | Patrika News

न्यायमूर्ति केहर होंगे सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश

Published: Dec 06, 2016 10:22:00 pm

कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने नवंबर में न्यायमूर्ति ठाकुर को पत्र लिखकर उनके उत्तराधिकारी का नाम सुझाने का उनसे आग्रह किया था

JS Khehar

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने शीर्ष अदालत के न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर को उनका उत्तराधिकारी बनाने की संस्तुति की है। न्यायमूर्ति ठाकुर तीन जनवरी को सेवानिवृत्त होंगे। नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने नवंबर में न्यायमूर्ति ठाकुर को पत्र लिखकर उनके उत्तराधिकारी का नाम सुझाने का उनसे आग्रह किया था।

सूत्रों के अनुसार न्यायमूर्ति ठाकुर ने उस पत्र के जवाब में सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति के लिए न्यायमूर्ति केहर के नाम की मंगलवार को संस्तुति कर दी। न्यायमूर्ति केहर सिख समुदाय के पहले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह अगले वर्ष 27 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे।

सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम व्यवस्था को निरस्त करके बनाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून और तत्संबंधी संविधान संशोधन को निरस्त करने वाली संविधान पीठ की अध्यक्षता न्यायमूर्ति केहर ने की थी।

कूड़े के ढेर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई दिल्ली सरकार को फटकार
दिल्ली में बढ़ते कूड़े के अंबार की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने आदेश दिया कि वे कूड़े के समय पर निस्तारण से जुड़ी योजना तैयार करें। कोर्ट ने आप सरकार की उस याचिका पर भी आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया कि पार्टी विधायकों को साफ-सफाई के अभियान से अलग रखा जाए।

एक मामले की सुनवाई के दौरान सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि राजधानी में 6 लैंडफिल साइट में से तीन ओखला मंडी, भलस्वा और गाजीपुर की उंचाई 45 मीटर हो गई है। इन तीनों साइट्स पर रोजाना एक हजार मैट्रिक टन कूड़ा पहुंच रहा है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में कुतुब मीनार की ऊंचाई कितनी है। जवाब में दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील राहुल मेहरा ने बताया कि कुतुब मीनार की उंचाई 73 मीटर है।

जस्टिस मदन बी. लोकुर ने कहा कि इसका मतलब लैंडफिल साइटों की ऊंचाई कुतुब मीनार से सिर्फ 28 मीटर ही कम है। वो दिन दूर नहीं जब इनकी ऊंचाई कुतुब मीनार से ज्यादा होगी। यह एक खतरे की घंटी है। इससे निपटने के लिए सरकार के पास क्या योजना है?

कोर्ट ने पूछा कि क्या कूड़े का असर दिल्ली की एयर क्वालिटी पर भी पड़ता है? इस पर सॉलीसिटर जनरल ने कहा- वातावरण पर इसका असर पड़ता है, लेकिन यहां से ज्यादा एनसीआर की एयर क्वालिटी खराब है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इलाके के विधायक क्या कर रहे हैं? वे भी जनता के प्रतिनिधि हैं। उन्हें कूड़े को लेकर काम करना चाहिए। सरकार ने कहा कि विधायक का यह काम नहीं है। चार करोड़ रुपए का फंड उन्हें दिया जाता है। ये फंड विधायक को दूसरी चीजों पर खर्च करना होता है।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि चिकनगुनिया और डेंगू कम हो गया तो इसका मतलब ये नहीं कि आप आराम से बैठ जाएं। जब परेशानी आती है तभी सरकार कुछ करती है। इसके लिए फ्यूचर प्लान क्यों नहीं बनाती? सरकार को चाहिए कि इसके लिए प्लान बनाए और नगर निगम के अफसर, दिल्ली सरकार और निकाय एजेंसियां एक ज्वाइंट मीटिंग कर रिपोर्ट कोर्ट को दें।
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