नई दिल्ली। जेएनयू छात्रसंघ ने मंगलावर रात बयान जारी करके बताया की कन्हैया कुमार का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है। छात्रसंघ के मुताबिक भूख हड़ताल कर रहे बाकी छात्रों की हालत भी काफी खराब है और असंवेदनशील जेएनयू प्रशासन इस बारे में कुछ नहीं कर रहा है।
JNU प्रशासन का रवैया असंवेदनशीलछात्रसंघ के बयान में कहा गया है कि हम यह बताना चाहते हैं कि कॉमरेड कन्हैया का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है। वह कई बार बेहोश हो जा रहे हैं, उनका छह किलो वजन घट गया है और उनका ब्लड प्रेशर भी बहुत कम हो गया है। वह लगातार उल्टियां कर रहे हैं। गिरते स्वास्थ्य की वजह से तीन छात्रों को पहले ही भूख हड़ताल रोकनी पड़ी है। हड़ताल पर बैठे बाकी छात्रों की हालत भी बेहद खराब है। हमें उन सबकी चिंता हो रही है। यह जेएनयू प्रशासन का बेहद असंवेदनशील रवैया है कि वह इस बारे में कुछ नहीं कर रहा है।
कन्हैया ने रिपोर्ट को दोबारा रिव्यू करने की मांग कीइससे पहले कन्हैया कुमार यूनिवर्सिटी के रेक्टर चिंतामणि महापात्रा से मुलाकात की थी। भूख हड़ताल पर बैठने के बाद स्टूडेंट यूनियन और जेएनयू प्रशासन की यह पहली औपचारिक मुलाकात थी। कन्हैया ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से हाई लेवल इंक्वायरी कमिटी की रिपोर्ट को दोबारा रिव्यू करने की मांग की है।
भूख हड़ताल करने वालों को जेएनयू टीचर्स का समर्थनभूख हड़ताल कर रहें लेफ्ट संगठनों और एबीवीपी दोनों को जेएनयू टीचर्स का समर्थन मिला है। पिछले करीब 7 दिनों से हाई लेवल इंक्वायरी कमिटी की रिपोर्ट के खिलाफ लेफ्ट संगठन और एबीवीपी के स्टूडेंट्स भूख हड़ताल पर बैठे हैं। मंगलवार को कई टीचर्स ने जेएनयू एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के पास टेंट लगाकर एक दिन की रिले भूख हड़ताल की। टीचर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट अजय पटनायक ने कहा कि इंक्वायरी कमेटी पर स्टूडेंट्स ने सवाल उठाए हैं।
कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाने का मामला कोर्ट में चल रहा है। अजय ने बताया कि उनका मानना है कि प्रशासन को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। जिस कमेटी की रिपोर्ट आई है, उसमें एक भी स्टूडेंट्स का प्रतिनिधि शामिल नहीं था। टीचर्स असोसिएशन दोनों ग्रुप्स के स्टूडेंट्स का समर्थन कर रहा है। अजय पटनायक ने कहा कि हमारे लिए सभी स्टूडेंट्स एक समान हैं।