नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच लड़े गए कारगिल के युद्ध को 18 साल बीत चुके हैं, लेकिन इस युद्ध की यादें अभी भी ताजा हैं। युद्ध में शहीद होने वाले जवानों के परिवार अभी तक उस पीड़ा को भूल नहीं पाए हैं। वहीं फतेह के बाद युद्ध क्षेत्र में लहरा रहा तिरांगा आज भी देख का फख्र बढ़ा रहा है। इस युद्ध के बाद पाकिस्तान की नीयत को लेकर कई खुलासे हुए थे। इसमें सबसे अहम खुलासा यह था, कि पाकिस्तान 1999 के पहले से ही भारत में घुसपैठ की फिराक में था। पाकिस्तान इस आॅपरेशन की तैयारी में 1998 से ही जुटा हुआ था।
पाकिस्तान के रिटायर्ड कर्नल अशफाक हुसैन यह खुलासा कर चुके हैं कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने हेलीकॉप्टर से लाइन आॅफ कंट्रोल यानी कि एलओसी क्रॉस कर भारत की सीमा में 11 किलोमीटर अंदर आकर रात बिताई थी। हुसैन ने बताया कि 28 मार्च 1999 को मुशर्रफ एलओसी पार कर भारतीय सीमा में 11 किलोमीटर अंदर तक आए थे; उनके साथ ब्रिगेडियर मसूद असलम भी थे। उन्होंने यह जकीरा मुस्ताकर नाम की जगह पर रात बिताई थी, जहां पाकिस्तानी सेना के कर्नल अमजद शब्बीर भी मौजूद थे।
उस समय मुशर्रफ आर्मी चीफ थे और वे अगले दिन पाकिस्तान लौट गए थे। हुसैन ने यह सारे खुलासे अपनी किताब विटनैस टू ब्लंडर : कारगिल स्टोरी अनफोल्ड्स में किए थे। उन्होंने एक टीवी टॉक शो में यह भी खुलासा किया था कि पाकिस्तानी सेना ने सबसे पहले 18 दिसंबर 1998 को भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी। उस समय कैप्टन नदीम और अली व हवलदार ललिक जन को रीकानसन्स मिशन के लिए भेजा गया था।
हुसैन ने बताया — इन लोगों को कभी यह नहीं बताया गया था कि उनके मिशन का मकसद और उनका लक्ष्य क्या है। यहां तक कि उन्हें किसी तरह की ब्रीफिंग भी नहीं की गई थी। हालांकि इसके कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान की कई यूनिट्स को एलओसी पार कर भारतीय सीमा में पोजीशंस कब्जाने के लिए कहा गया। यूनिट्स में भारतीय सीमा में घुसपैठ करना का कॉम्पीटिशन बढ़ गया। पाकिस्तानी सैनिकों की इस घुसपैठ के बारे में सबसे पहले चरवाहों को पता चला, उन्होंने भारतीय सेना को आकर जानकारी दी।
Home / Miscellenous India / Kargil Vijay Diwas 2017 : 1999 से पहले भी कारगिल में घुसपैठ करना चाहता था पाकिस्तान