बुधवार को भी जवानों पर हुआ था हमला, सीआरपीएफ की 182वीं बटालियन के कैंप को बनाया निशाना, करीब 20 मिनट तक की फायरिंग
श्रीनगर। दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के तहाब इलाके में आतंकियों ने शुक्रवार देर रात सीआरपीएफ के कैंप पर हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात अचानक सीआरपीएफ की 182वीं बटालियन के कैंप पर आतंकियों ने फायरिंग करना शुरू कर दिया। पहले से सतर्क जवानों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। करीब 20 मिनट तक दोनों ओर से फायरिंग जारी रही। इस हमले में किसी भी जवान के घायल होने की खबर नहीं है। उसके बाद आतंकी मौके से फरार हो गए। सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने पूरे इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।
लगातार हो रहे हैं हमले
गौरतलब है कि बुधवार को भी आतंकियों ने सेना के काफिले को निशाना बना कर हमला किया था। इस हमले में तीन जवान घायल हुए थे। इससे पहले अगस्त में बारामुला जिले में आतंकियों ने सेना के काफिले को निशाना बनाया था। इस हमले में सेना का एक जवान जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो जवान शहीद हो गए थे।
घाटी में सेना की मौजूदगी में बड़े बदलाव
दूसरी ओर अशांत दक्षिणी कश्मीर के ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों और सैनिकों को तैनात किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, सेना की अतिरिक्त मौजूदगी का मकसद इलाकों पर काबिज रहने और पहले से ज्यादा गश्त के जरिए उन प्रदर्शनकारियों को संकेत देना है, जो हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की दो महीने पहले हुई मौत के वक्त से ही हिंसक विरोध-प्रदर्शनों में जुटे हुए हैं और इलाके को अशांत बनाए हुए हैं। इसके साथ ही इसका उद्देश्य उपद्रवियों के खिलाफ गश्त को बढ़ाना भी है। सूत्रों के अनुसार इस पूरी कवायद का मूल उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में राज्य सरकार के नियंत्रण को वापस बहाल करना है। गौरतलब है कि आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से सुरक्षाकर्मियों तथा प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्षों में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं और 10,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें ज्यादातर सुरक्षाकर्मी हैं।