संसद में रोते हुए बोली सैलजा, दलित हूं इसलिए मंदिर में नहीं जाने दिया
सांसद ने कहा कि इस घटना का जिक्र इसलिए कर रही हूं क्यूंकि संसद में
संविधान पर चर्चा हो रही है जबकि बाहर सच्चाई कुछ और ही है
नई दिल्ली। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में असहनशीलता पर सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर हुई बहस के दौरान कांग्रेस कोटे से राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा अपनी आपबीती सुनाते हुए सुबकने लगीं। उन्होंने बताया कि एक बार गुजरात के एक मंदिर में मुझे सिर्फ इसलिए प्रवेश नहीं मिला कि मैं एक दलित परिवार से आती हूं।
कुमारी सैलजा ने घटना का जिक्र करते कहा कि जब मैं कैबिनेट मंत्री थी तो गुजरात गई थी। वहां द्वारका के एक मंदिर में मुझे प्रवेश की अनुमति सिर्फ इसलिए नहीं मिली थी कि मैं दलित हूं। राज्यसभा में इतना कहते ही उनकी आंखों में आंसू आ गए। सांसद ने कहा कि वह इस घटना का जिक्र इसलिए कर रही हैं क्यूंकि संसद में संविधान पर चर्चा हो रही है जबकि बाहरी दुनिया में सच्चाई कुछ और ही है।
कांग्रेस सांसद के ऎसा कहने पर सदन में उपस्थित गुजरात के सांसदों ने विरोध करना शुरू कर दिया जिसके बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि अगर ऎसा हुआ था तो सांसद महोदया को अपनी बात उसी समय तत्काल उठानी चाहिए थी। इस पर कुमारी सैलजा ने कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत मामला था और आज मुझे वह घटना याद आ गई इसलिए साझा कर रही हूं। मैं यही कहना चाहती हूं कि अंबेडकर पर चर्चा करने से कोई परिणाम नहीं निकलेगा।
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