कैग ने जताई चिंता, जटिल प्रक्रिया की वजह से आयत में हो रही परेशानी
बंदरगाहो के माध्यम से आयात एवं निर्यात व्यापार सुविधा पर मंगलवार को संसद मे कैग ने पेश की आडिट रिपोर्ट
नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ( कैग) ने आयातित वस्तुओं को बंदरगाहो पर काफी समय तक अटके रहने पर गहरी चिंता जताई है। कैग ने कहा कि देश में आई वस्तुओं के बंदरगाहो पर मंजूरी के लिए मान्य दिशा निर्देशों के अभाव एवं जटिल प्रक्रियाओं की वजह से आयात में अस्वभाविक देरी होती है।
बंदरगाहो के माध्यम से आयात एवं निर्यात व्यापार सुविधा पर मंगलवार को संसद मे पेश कैग की आडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रक्रियागत जटिलताओं और आयात मंजूरी में अत्यधिक देरी हो रही है और निर्यात मंजूरी में समय लगने से बहुत अधिक विलंब होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंदरगाहों पर माल उतारने की प्रतीक्षा करने वाले जहाजों और वस्तुओं को मंजूरी के विभिन्न चरणों में लगने वाले समय के लिए कोई तय सीमा नहीं है। इसके अलावा कमजोर प्रक्रिया, लचर लक्ष्य , कार्यबल की सिफारिशों को लागू करने की अपर्याप्त निगरानी से भी आयात पर असर पड़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है हालांकि वर्ष 2010-11 से 2013-14 के दौरान इन प्रक्रियाओं में लगने वाले समय में कमी आई है लेकिन केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड( सीबीईसी) द्वारा व्यापार सुविधा उपायों को अघिक प्रभावी तरीके से लागू कर इसमें अधिक सुधार किया जा सकता है। आयात के मामले में इस दौरान लगने वाले समय में से 70 फीसदी सिर्फ बिलों की एंट्री और भुगतान प्रक्रिया में लगता है। कैग ने कहा कि इसमें लगने वाले समय को कम करने के उपाय किये जाने चाहिए जिससे लेनदेन लागत कम होगी। उसने कहा कि सीमा शुल्क के भुगतान में सबसे अधिक समय लगता है और इसके लिए आयातको के पास अपर्याप्त कोष प्रमुख कारण है। कैग ने कहा कि लेनदेन लागत को कम करने और अकारण होने वाली देरी को समाप्त करने के लिए राजस्व विभाग को आयातको को त्रुटिरहित बिल भरवाने का प्रयास करना चाहिए।
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