नासिक।
महाराष्ट्र के नासिक और त्रयंबकेश्वर में
सिंहस्थ कुंभ का पहली
शाही स्नान आज शुरू हुआ। शनिवार सुबह चार बजे शाही स्नान शुरू हुआ।
कुंभ में करीब अस्सी लाख से एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं महिला साधुओं ने शाही स्त्रान का बहिष्कार कर दिया । साध्वी त्रिकाल भवंता ने बताया कि उन्होंने साघ्वियों के स्त्रान के लिए अलग जगह की मांग की थी, जो नहीं पूरी की गई। इस वजह से यह फैसला लिया गया।
शाही स्नान पहले त्रयंबकेश्वर में अलसुबह कुशावर्त कुंड में शुरू हुआ। परंपरा के अनुसार पहले स्त्रान की शुरूआत त्रयंबकेश्वर में जूना अखाड़ा ने की। उसके बाद निर्वाणी अखाड़ा रामकुंड में उतरा। 13 सितंबर को दूसरा शाही स्त्रान है। वहीं तीसरा और अंतिम शाही स्त्रान 18 सितंबर को होगा। हर बारह साल में लगने वाले नासिक कुंभ 25 सितंबर तक चलेगा। अब तक 7 शैव अखाड़ों ने त्रयंबकेश्वर में शाही स्नान कर लिया है।
गौलतलब है कि हिंदू धर्म के 13 अखाड़ों से जुड़े साधु संत कुंभ में सबसे पहले स्नान करते हैं, जिसे शाही स्नान कहा जाता है। पवित्र स्नान के लिए देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। शाही स्नान के लिए देश भर के साधु संत कुंभ पहुंचे हैं। नासिक में रामघाट पर और त्रयंबकेश्वर में गोदावरी नदी के कुशावर्त कुंड में शाही स्त्रान हो रहा है।
मान्यता है कि नासिक उन चार स्थानों में से एक है, जहां अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें गिरी थीं। इस कुम्भ मेले में लाखों श्रद्धालु गोदावरी के पवित्र जल में स्त्रान कर अपनी आत्मा की शुद्धि और मोक्ष के लिए प्रार्थना करते हैं। यहां महाशिवरात्रि पर्व भी बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।
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