भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया
डॉक्टरों ने दिया था 24 घंटों का अल्टीमेटम
लांस नायक हनुमनथप्पा का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बुधवार रात को कहा था कि अगले 24 घंटे उनकी जिंदगी के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। उनके दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही थी जिससे उनके शरीर के कई अंगों के निष्क्रिय होने का खतरा बना हुआ थी। चिकित्सकों के अनुसार यदि इस दौरान उनकी हालत में सुधार होता तो उनके सुरक्षित बचने की उम्मीद बढ़ जाती।
पूरे देश में चल रहा था प्रार्थना और दुआओं का दौर
जहां देश के डॉक्टर लांस नायक हनुमनथप्पा के इलाज का हरसंभव प्रयास कर रहे थे वही तमाम देशवासी भी उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उनकी सलामती के लिए देशभर में प्रार्थनाएं तथा दुआएं मांगी जा रही थी। मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर के अलावा हरिद्वार, इलाहाबाद, वाराणसी में विशेष प्रार्थना हुई। पूरे देश में इसी चमत्कार की उम्मीद की जा रही थी कि डॉक्टर उन्हें जिंदा बचाने में सफल होंगे परन्तु ऐसा नहीं हो सका। देश भर के लोग उनके लिए अपने अंगों का दान करने को भी तैयार थे परन्तु ऐसा कुछ नहीं हो सका।
छह दिन तक बर्फ में दबे रहे थे
उल्लेखनीय है कि 3 फरवरी को सियाचिन में पूरा बर्फ का पहाड़ ही टूटकर जवानों पर गिर पड़ा था। पहाड़ की लंबाई लगभग 1000 मीटर तथा चौड़ाई 800 मीटर थी। इसके टूटते ही बर्फीली चट्टानें जवानों पर गिरने लगी और सेना के 10 जवान बर्फ के नीचे दब गए। इनमें में केवल 9 जवानों की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी जबकि छह दिन बाद लांस नायक हनुमनथप्पा को सेना ने जीवित ही ढूंढ निकाला था। उनका दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था परन्तु इतनी ठंड में छह दिनों तक दबे रहने के कारण उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई।