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कल होगा चौथे स्वदेशी नौवहन उपग्रह का प्रक्षेपण

Published: Mar 26, 2015 11:43:00 pm

उपग्रह आधारित स्वदेशी नौवहन तंत्र विकसित करने में जुटा इसरो चौथे स्वदेशी नौवहन उपग्रह का कल
प्रक्षेपण करेगा

बेंगलूरू। उपग्रह आधारित स्वदेशी नौवहन तंत्र विकसित करने में जुटा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शनिवार को चौथे स्वदेशी नौवहन उपग्रह- “आईआरएनएसएस-1 डी” का प्रक्षेपण करेगा। प्रक्षेपण के लिए 59.5 घंटे की उलटी गिनती गुरूवार सुबह 5.49 बजे श्रीहरिकोटा में शुरू हो गई। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से 28 मार्च को शाम 5.19 बजे उपग्रह को प्रक्षेपित किया जाएगा। प्रक्षेपण के लिए इसरो अपने विश्वसनीय रॉकेट धु्रवीय प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी के सी-27 एक्सएल संस्करण) का उपयोग करेगा। पीएसएलवी का यह 29 वां मिशन होगा। इसके 27 मिशन अब तक सफल रहे हैं।

प्रणोदक भरने का काम जारी
इसरो के निदेशक देवी प्रसाद कार्णिक ने बताया कि प्रक्षेपण अनुमोदन बोर्ड ने तैयारियों की समीक्षा करने के बाद बुधवार शाम प्रक्षेपण लिए अनुमति दे दी थी। इसके बाद बुधवार सुबह उलटी गिनती शुरू हुई। इस दौरान प्रक्षेपण के दूसरे और चौथे चरण में तरल प्रणोदक भरा जाएगा। समाचार लिखे जाने तक चौथे चरण में प्रणोदक भरने का काम चल रहा था। सभी प्रक्रिया तय मानकों के अनुरूप चल रही है।

तकनीकी खामी से टला था प्रक्षेपण
इसका प्रक्षेपण नौ मार्च को होना था लेकिन टेलीमेट्री ट्रांसमीटर प्रणाली में खराबी उजागर होने के बाद तीन मार्च को इसरो ने प्रक्षेपण स्थगित कर दिया था। नए टेलीमेट्री ट्रांसमीटर लगाने के बाद उपग्रह को दुबारा रॉकेट के साथ जोड़ा गया। इसरो के इतिहास में यह पहला मौका था जब लांच पैड से किसी उपग्रह को रॉकेट के साथ हटाकर असेम्बली बिल्डिंग में वापस ले जाया गया।

सात उपग्रहों की श्रृंखला

“आईआरएनएसएस1 डी” नौवहन प्रणाली के तहत प्रक्षेपित किए जाने वाले सात उपग्रहों की श्ृंखला का चौथा उपग्रह है। अभी तक इस श्रृंखला के तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जा चुका है। हालांकि, चार उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए जाने के बाद प्रणाली को सक्रिय किया जा सकता है मगर सभी सातों उपग्रहों के ऑपरेशनल होने के बाद यह प्रणाली सटीक तथा ज्यादा कारगर बन जाएगी। इसरो ने इसी वर्ष इस प्रणाली को सक्रिय करने का लक्ष्य रखा है, जो अमरीकी जीपीएस के समकक्ष होगा।
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