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UPSC EXAM: विदेशी नौकरी छोड़ बनी IAS, 14 से 16 घंटे की पढ़ाई

Published: Jul 04, 2015 10:16:00 pm

जैसे ही यूपीएससी का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ देश के तमाम घरों सहित निहारिका और सौरभ के घरों में खुशियां छा गईं

Niharika Bhatt IAS topper

Niharika Bhatt IAS topper

– अनिल के. अंकुर

लखनऊ। शनिवार को जैसे ही यूपीएससी का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ देश के तमाम घरों सहित निहारिका और सौरभ के घरों में खुशियां छा गईं और अपनों के चेहरे खिल उठे। होता भी क्यूं नहीं, देश की सबसे बड़ी परीक्षा जो पास कर ली थी।

केजीएमयू में डॉक्टर एम एल भट्ट की बेटी ने शनिवार को जारी लिस्ट में 146 रैंक हासिल की तो वहीं मूलरूप से देवरिया के रहने वाले सौरभ शर्मा ने 716वीं रैंक हासिल की।

सपना देखा और सच किया

लखनऊ की रहने वाली निहारिका भट्ट ने जयपुरिया स्कूल से पढ़ाई की और उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर विदेश में नौकरी की। नौकरी के दौरान ही निहारिका ने तय किया कि उन्हें नौकरी छोड़कर आईएएस बनना है।

निहारिका ने अमेरिका से अपने माता-पिता को फोन किया और अपनी ख्वाहिश बताई। पापा ने बेटी की ललक देखी औऱ मंजूरी दे दी। मई 2014 में निहारिका भारत आ गईं और लगन के साथ पढ़ाई की। वे बताती हैं कि वे दिन में करीब 15-16 घंटे पढ़ाई की। वे सिर्फ खाना खाने के लिए ही अपने कमरे से बाहर निकलती थीं। उनकी मेहनत का फल ही है कि एक साल में ही वे आईएएस बन गईं। 

निहारिका के सफलता की कहानी, उनकी जुबानी



मेहनत और लगन ने बनाया IAS

सौरभ शर्मा का परिवार ग्रामीण परिवेश से आता है, वे मूल रूप से देवरिया के रहने वाले हैं। उनके पिता सचिवालय में सूचना अधिकारी हैं और वे लखनऊ के विकास नगर इलाके में निम्नआयवर्ग के एक आवास में रहते हैं। सौरभ बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थे। उन्होंने भी बाबूबनारसी दास इंजीनियरिंग कॉलेज, गाजियाबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। खास बात यह है कि, सौरभ ने आईएएस की तैयारी के लिए संस्कृत विषय का चयन किया था। उनके मुताबिक संस्कृत लॉजिक की भाषा है, और उनको लॉजिक में बात करना पसंद है इसलिए इस विषय को चुना।

सौरभ को यह सफलता उनके चौथे प्रयास में मिली वे करीब 5 से 6 घंटे पढ़ाई करते थे और रिवीजन पर फोकस करते थे, उन्होंने 716वीं रैंक हासिल की है।

सौरभ के सफलता की कहानी, उनकी जुबानी

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