पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा कदम उठाने होंगे
महबूबा ने कहा,केन्द्रीय नेतृत्व को कश्मीरियों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा कदम उठाने होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री अपने जनादेश का उपयोग कर कश्मीर के बच्चों का जीवन और भविष्य बचाने के लिए काम करेंगे। फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट के भवन का उद्घाटन करते हुए महबूबा ने कहा, मैं हाल ही में प्रधानमंत्री से मिली थी। मुझे पूरा भरोसा है कि उनके पास जो जनादेश और शक्ति है, वह (प्रधानमंत्री) उस ताकत का इस्तेमाल कश्मीर के बच्चों का जीवन और भविष्य बचाने के लिए करेंगे। संभवत: हमें अपने पड़ोसी देश (पाकिस्तान) के मुकाबले ज्यादा कदम उठाने होंगे क्योंकि जम्मू कश्मीर हमारा राज्य है और हमें लोगों के घावों पर मरहम लगाना है।
मरहम लगाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए
मरहम लगाने के लिए न सिर्फ प्रधानमंत्री या एनडीए सरकार बल्कि देश के पूरे नेतृत्व, कांग्रेस, माकपा, जदयू इत्यादि को आगे आना चाहिए और शांति स्थापना के कदमों का समर्थन करना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शे कदम पर जम्मू कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान के लिए कठिन फैसले लेने का जनादेश प्रधानमंत्री के पास है। वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने का अनुरोध करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, हमें सुनिश्चित करना होगा कि वार्ता, मेल मिलाप और समाधान के लिए विश्वसनीय प्रणाली लागू की जाए और यह 2008 से 2010 में फैली अशांति की स्थिति के बाद आधे मन से किए गए प्रयासों जैसा न हो।
हम राज्य में मुश्किल स्थिति का सामना कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हम इस स्थिति से बाहर आएंगे। हम खुदा से दुआ करेंगे कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा ना हो। लेकिन मैं खुश हूं कि जम्मू के लोगों ने शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखा है। उन्होंने स्वीकार किया कि कश्मीर में स्थिति खराब है। वहां हिंसा है लेकिन जम्मू के लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा बनाए रखा है। जो चाहते हैं कि कश्मीर समस्या का समाधान हो उन्हें समझना चाहिए कि हिंसा के जरिए समाधान नहीं ढूंढा जा सकता है।