आतंकी को पकड़ने वाले विक्रमजीत सिंह ने बताया कि, आतंकी ने हमें कहाकि अगर हम उसे भागन का रास्ता बताएं तो वह हमें नुकसान नहीं पहुंचाएगा। लेकिन हमने उसे पकड़ने का निर्णय लिया। उसने मुझे बहुत मारापीटा। धमकी दी कि मार देंगे। मेरे को रास्ता बताओ, फरार होना है। वह हिंदी में बात कर रहा था। वह भूखा था हमने उसे खाना भी खिलाया। जब उसने देखा कि पुलिस आ रही है तो वह धमकाने लगा। तभी राकेश ने उसकी गर्दन पकड़ ली और मैंने बंदूक पकड़ ली। इस पर उसने फायर किया तो मेरे हाथ में लगी।
विक्रमजीत ने बताया कि, जब वह पकड़ा गया तो उसने अपने साथियों के बारे में पूछा वह बार-बार पूछ रहा था कि उसके साथी कहां है। वहीं राकेश ने कहाकि वह रास्ते से गुजर रहा था तभी आतंकी सामने से आ गया। उसने मुझसे रास्ता बताने को कहा। आतंकी कह रहा था कि तुम्हें कुछ नहीं होगा। पर मैंने निर्णय लिया कि उसे पकड़ना है। पकड़ने के बाद उसने दांतों से भी काट खाया लेकिन हमने छोड़ा नहीं।
विक्रमजीत और राकेश ने बताया कि आतंकी को पकड़े जाने के बाद हमने सुरक्षाबलों को आवाज लगाकर बताया कि आतंकी को जिंदा पकड़ लिया गया है। आप गोलियां मत चलाओ। हम जानते थे कि हथियार हाथ में आने पर आतंकी हमें छोड़ेगा नहीं इसलिए हमने उसे कसकर पकड़े रखा।