नई दिल्ली. परिवहन मंत्रालय ने नीति आयोग के टैक्सी एग्रीगेटर योजना में निजी कारों के शामिल करने के विचार का विरोध किया है। नीति आयोग ने सुझाव दिया था कि यात्रियों के लिए वाहनों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए निजी कारों को भी कैब कंपनियों के तहत सेवाएं देने को अनुमति दी जाए। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि व्यावसायिक कार्यों के लिए प्रयोग होने वाले वाहनों का पंजीकरण व्यावसायिक श्रेणी में किया जाता है। मोटर वाहन अधिनियम के तहत निजी कारों को एप आधारित टैक्सी के साथ व्यवसाय करने, कार-पूलिंग करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। मंत्रालय ने कहा है कि हम 50 लाख टैक्सी मालिकों के हितों की रक्षा करते हैं क्योंकि वे अपनी टैक्सियां चलाने के लिए हमें व्यावसायिक कर और परमिट फीस चुकाते हैं।
वर्तमान में वाणिज्यिक वाहन ऊंचे कर, इंश्योरेंस प्रीमियम और अन्य तरह के शुल्क अदा करते हैं जो निजी वाहन नहीं करते हैं। ऐसी सेवाओं को अनुमति देते समय हमें यात्रियों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखना चाहिए साथ ही बहुत सी सुविधाएं और विभिन्न कानूनी पहलुओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। यदि मंत्रालय निजी कारों को भी व्यावसायिक रूप से चलाने की अनुमति देता है तो इसके लिए पंजीकरण की नई व्यवस्था बनानी पड़ेगी।