निर्भया कांड में रिहा हुआ रेपिस्ट आतंकियों के संपर्क में!
Published: Jun 29, 2016 09:40:00 am
निर्भया रेप व हत्याकांड के वक्त नाबालिग होने के कारण रिहा हो चुका
रेपिस्ट आतंकियों के संपर्क में हो सकता है
nirbhaya gangrape accused is in touch of islamic terrorist
नई दिल्ली। निर्भया रेप व हत्याकांड के वक्त नाबालिग होने के कारण रिहा हो चुका रेपिस्ट अब 21 साल का हो चुका है। वह आतंकियों के संपर्क में हो सकता है। आईबी ने इस संबंध में ताजा अलर्ट जारी किया है।
अलर्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां उस पर पैनी नजर रखे हुए है। घटना के वक्त नाबालिग होने की वजह से उसे पिछले साल दिसंबर में रिहा कर दिया गया था। डेली मेल की खबर के मुताबिक यूपी के बदायूं से ताल्लुक रखने वाले इस शख्स के बारे में आईबी ने राज्य सरकार को अलर्ट भेजा है। इसमें साफ कहा गया है कि वह आतंकी संगठनों के संपर्क में हो सकता है। इसलिए उसकी हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाए।
आईबी के एक अधिकारी के मुताबिक हाल ही में कुछ एक्टिविटी देखी गई। हमने लोकल अथॉरिटीज को जानकारी दी है। उसकी लोकेशन सीक्रेट रखी गई है। बदायूं के एसएसपी सुनील सक्सेना ने कहा कि कोई विशेष इनपुट नहीं है लेकिन जोभी मदद की जरूरत होगी हम मुहैया कराएंगे। निर्भया के इस गुनहगार को तीन साल बाल सुधार गृह में रखने के बाद 6 महीने पहले रिहा किया गया था। दिसंबर 2015 में रिहाई से पहले उसकी बाल सुधार गृह में कश्मीरी किशोर से नजदीकी थी। इसको लेकर आईबी ने चिंता प्रकट की थी।
कश्मीरी किशोर 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट में हुए बम धमाके में शामिल था। दोनों एक ही कमरे में रहते थे। यहा कहा गया कि कश्मीरी किशोर ने उसे कश्मीरियों के कॉज के लिए उकसाया था। साथ ही उसे आतंकी संगठनों से जुडऩे के लिए प्रेरित किया था। निर्भया के माता-पिता सहित सैंकड़ों लोगों ने नाबालिग रेपिस्ट की रिहाई का विरोध किया था। सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर उसकी रिहाई का विरोध किया था लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी कि सजा मौजूदा कानून के तहत दी गई है।
नाबालिग की रिहाई से पहले आईबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कश्मीरी किशोर ने उसका ब्रैनवॉश कर दिया और उसे कश्मीर में जिहाद में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था। ट्रायल कोर्ट ने निर्भया रेप व हत्याकांड के चार अन्य दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने सजा को बरकरार रखा। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
पांच दोषियों में से एक रामसिंह ने तीन साल पहले तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी।