विधी आयोग को स्थाई संस्था बनाने पर विचार कर रही सरकार
Published: May 05, 2015 12:12:00 am
विधि आयोग सरकार को जटिल कानूनी मुद्दों पर राय देता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल हर तीन साल पर आयोग का पुनर्गठन करता है।
नई दिल्ली। सरकार विधि आयोग को अब और भी बेहतर बनाने के प्रयास कर रही है। सरकार की विधि आयोग को स्थाई निकाय बनाने की योजना है ताकि इसके कामकाज में निरंतरता बनी रहे। विधि आयोग सरकार को जटिल कानूनी मुद्दों पर राय देता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल हर तीन साल पर आयोग का पुनर्गठन करता है। आयोग के पुनर्गठन के बाद आयोग को चलाने के लिए एक नए अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किए जाते हैं।
विधि सचिव पीके मल्होत्रा ने बताया कि विधि आयोग वर्ष 1959 से लगातार काम कर रहा है और इसका हर तीन साल पर पुनर्गठन किया जाता है। फिलहाल विधि एवं कार्मिक मामलों पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष गवाही देते हुए विधि सचिव पी के मल्होत्रा ने कहाकि, यह सुझाव दिया जाता है कि इसे स्थाई निकाय बनाया जाए, चाहे इसे शासकीय आदेश से किया जाए या संसद के अधिनियम के जरिए। संसदीय समिति विधि मंत्रालय की अनुदान मांगों की जांच कर रही है। अगर विधि आयोग को संसद के अधिनियम द्वारा स्थायी निकाय में तब्दील किया जाता है तो यह वैधानिक निकाय बन जाएगा। अगर इसे शासकीय आदेश द्वारा स्थायी निकाय बनाया जाता है तो यह पिछले योजना आयोग या इसके नए अवतार नीति आयोग की तरह हो जाएगा। दोनों का गठन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव के जरिए किया था।
साल 2010 में तत्कालीन संप्रग सरकार ने एक मसौदा कैबिनेट नोट तैयार किया था ताकि विधि आयोग को वैधानिक दर्जा दिया जाए और विधि मंत्रालय ने भारतीय विधि आयोग विधेयक, 2010 लाने का विचार रखा था। लेकिन उस विचार को शायद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। विधि मंत्रालय में सूत्रों ने बताया कि यह आयोग को गुणवत्ता से समझौता किए बिना अधिक रिपोर्ट लाने में मदद करेगा क्योंकि तीन साल सीमित अवधि है।